न्यूयॉर्क/एपी। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने तमाम विरोधों और मतभेदों के बावजूद एक नई डिजिटल मुद्रा ‘लिब्रा’ को अमल में लाने की दिशा में आधिकारिक तौर पर कदम बढ़ा दिया है। अमेरिकी नियामकों एवं राजनेताओं की ओर से आलोचनाओं के बावजूद फेसबुक इस योजना पर आगे बढ़ रही है।
इस नई मुद्रा का प्रबंधन लिब्रा एसोसिएशन करेगी। लिब्रा एसोसिएशन ने सोमवार को जिनिवा में उद्घाटन बैठक में 21 सदस्यीय चार्टर पर हस्ताक्षर किए। पहले इसमें 27 सदस्य थे, लेकिन हाल के दिनों में वीजा, मास्टरकार्ड और पेपाल जैसी कुछ कंपनियों ने इससे हाथ पीछे खींच लिया।
लिब्रा एसोसिएशन के बचे ज्यादातर सदस्यों में वेंचर कैपिटल कंपनियां शामिल हैं। इसके साथ ही ऊबर, स्पॉटीफाई और वोडाफोन भी इसके सदस्य बन गए हैं। संघ ने बयान में कहा कि 180 अन्य कंपनियों ने जुड़ने की इच्छा जताई है और इसमें शामिल होने के लिए प्रारंभिक आवश्यकताओं को पूरा किया है।
लिब्रा की घोषणा के बाद से ही फेसबुक अमेरिकी नियामकों और राजनेताओं की तरफ से आलोचना झेल रही है। उनका कहना है कि उपयोगकर्ता की निजता की रक्षा करने को लेकर फेसबुक की चुनौतियां लिब्रा को भी प्रभावित करेंगी।
वहीं, दूसरी ओर चीन भी अपनी डिजिटल मुद्रा पेश करने की तैयार में जुटा है। सरकार और केंद्रीय बैंक इसकी मंजूरी दे सकते हैं। विश्लेषकों ने यह बात कही है।
सितंबर के अंत में, चीन के केंद्रीय बैंक के गवर्नर यी गंग ने कहा कि नई मुद्रा मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली से जुड़ा हो सकती है। जैसे कि ‘वीचैट’ और ‘अलीपे’ एप, बैंक खातों के माध्यम से युआन लेनदेन की अनुमति देते हैं।