लंदन/एएफपी। यात्रा सेवाएं उपलब्ध कराने वाली ब्रिटेन की पुरानी कंपनी थॉमस कुक सोमवार को कर्ज बोझ सहते-सहते आखिर दिवालिया हो गई। इसके साथ ही उसकी बुकिंग वाले छह लाख के करीब पर्यटक दुनियाभर में जहां-तहां फंस गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ब्रिटेन सरकार ने पर्यटकों को वापस लाने का बड़ा अभियान शुरू किया है। ब्रिटेन का दूसरे विश्व युद्ध के बाद इस तरह का यह सबसे बड़ा स्वदेश वापसी अभियान होगा।
ब्रिटेन की 178 साल पुरानी यह कंपनी पिछले कुछ सालों से कर्ज बोझ तले दबने लगी थी। कंपनी ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने को लेकर जारी कश्मकश को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार बताया। उसकी बुकिंग कम होने लगी थी और यही वजह है कि उसे निजी निवेशकों से 20 करोड़ पाउंड जुटाने में भी असफलता हाथ लगी।
कंपनी का 2007 का विलय सौदा उसके लिए घातक रहा, इसके बाद से ही वह लगातार वित्तीय संकट से जूझती रही और आखिरकार सोमवार को उसने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। इसके बाद कंपनी के छह लाख के करीब पर्यटक दुनियाभर में जहां-तहां फंस गए और उसके 22 हजार कर्मचारी अपनी आजीविका खो बैठे।
ब्रिटेन सरकार ने छुट्टियां बिताने बाहर गए डेढ़ लाख नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए आपात योजना पर काम शुरू किया है। उसने बुल्गारिया, क्यूबा, तुर्की और अमेरिका गए लोगों को वापस लाने के लिए विमानों की व्यवस्था की है।
ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा कि सरकार ने और ब्रिटेन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने थॉमस कुक के ग्राहकों को स्वदेश लाने के लिए कई विमानों को किराए पर लिया है। उन्होंने कहा, जो भी लागे बाहर हैं और अगले दो सप्ताह के भीतर उन्हें लौटना है, उन्हें पूरी कोशिश रहेगी कि वापस आने की बुकिंग तिथि के आसपास ही स्वदेश लाने की व्यवस्था की जाएगी।
थॉमस कुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर फेंक हौउजर ने कहा, यह मेरे और कंपनी बोर्ड के बाकी सदस्यों के लिए गहरे खेद का विषय है कि हम सफल नहीं हो पाए। यह कंपनी के लिए बहुत बुरा दिन है। कंपनी यात्रा संचालक होने के साथ ही एयरलाइन भी चलाती है। दिवालिया होने के साथ ही उसके विमान खड़े हो गए और ट्रैवल एजेंसी बंद हो गई। उसके दुनियाभर में फैले 22,000 कर्मचारी नौकरी गंवा बैठे। इनमें से 9,000 कर्मचारी अकेले ब्रिटेन में हैं।