नई दिल्ली/भाषा। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत 33 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 31,235 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए ‘लॉकडाउन’ (बंद) के प्रभाव से लोगों को बचाने के लिए पिछले महीने इस योजना की घोषणा की थी।
कुल 1.70 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के तहत सरकार ने गरीबों को मुफ्त में राशन, महिलाओं और गरीब वरिष्ठ नागरिकों तथा किसानों को नकद सहायता देने आदि की घोषणा की थी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पैकेज का सुचारू रूप से क्रियान्वयन पर केंद्र और राज्य सरकारें लगातार नजर रख रही है।
बयान के अनुसार, वित्त मंत्रालय, संबंधित मंत्रालय, मंत्रिमंडल सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय यह सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास कर रहा है कि राहत उपाय जरूरतमंदों तक आसानी से पहुंचे।
इसमें कहा गया है, ‘लाभार्थियों तक सही और कुशल तरीके से लाभ पहुंचाने के लिये वित्तीय प्रौद्योगिकी और डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। इसमें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए लाभार्थियों को मदद दी जा रही है। यानी यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सीधे लाभार्थी के खाते में पैसा डाला जाए।
इससे जहां एक तरफ गड़बडी पर अंकुश लगा वहीं कार्य कुशलता बढ़ी है। साथ ही इससे लाभ की राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में चली जाती है और उसे इसके लिये बैंक या कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
बयान के अनुसार पीएम किसान योजना के तहत 22 अप्रैल तक पात्र कृषकों के खाते में 16,146 करोड़ रुपए डाले गए हैं। इस योजना के तहत 8 करोड़ चिह्नित लाभार्थियों को सीधे उनके खाते में 2,000 रुपए डाले गए हैं। इस योजना के तहत पात्र किसानों को तीन समान किस्तों में साल 6,000 रुपए दिए जाते हैं।
इसके अलावा 20.05 करोड़ महिला जनधन खाता धारकों को पहली किस्त के रूप में 500-500 रुपए दिए गए हैं। इसके तहत 22 अप्रैल तक कुल 10,025 करोड़ रुपए लाभार्थियों के खाते में डाले गए। इसके तहत तीन महीने तक 500-500 रुपए दिए जाने की घोषणा की गई है।
बयान के अनुसार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना के तहत अप्रैल महीने में निर्धारित 40 लाख टन में से 40.03 लाख टन अनाज का उठाव 36 रज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने किया है।
इसमें कहा गया है, ‘बीस अप्रैल तक 31 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने 39.27 करोड़ लाभार्थियों को 19.63 लाख टन अनाज का वितरण किया है। ये लोग 1.19 करोड़ राशन कार्ड के दायरे में आते हैं। इसके अलावा 1,09,227 टन दाल भी विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश भेजे गए हैं।
इसके अलावा 3.05 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत बुक किए गए हैं। कुल 2.66 करोड़ मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर का वितरण लाभार्थियों को पहले ही किया जा चुका है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत श्रमिकों की मजदूरी भी बढ़ाई गई है। इसे एक अप्रैल से अधिसूचित किया गया है। राज्यों को बकाया मजदूरी और सामग्री का पैसा देने के लिए 7,100 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
बयान के मुताबिक निर्माण कार्यों में लगे 2.17 करोड़ कामगारों को ‘बिल्डिंग एवं निर्माण सामग्री कोष के तहत वित्तीय सहायता दी गई है। राज्य सरकार द्वारा प्रबंधित इस कोष के तहत 3,497 करोड़ रुपए लाभार्थियों को दिए गए हैं।’