नई दिल्ली/दक्षिण भारत। अर्थव्यवस्था में सुधार का दौर जारी है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के आंकड़ों से यह बात सामने आई है। इसमें सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को लेकर जानकारी दी गई है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी में 7.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। अगर पूर्व के आंकड़ोंं के आधार पर आकलन किया जाए तो यह स्थिति में सुधार की ओर संकेत है।
आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी से उपजे हालात के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के बाद पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी।
ताजा आंकड़ों में जो सुधार का संकेत मिल रहा है, उसके आधार पर विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में और सुधार दिखाई देंगे। चूंकि अनलॉक के कारण कई उद्योगों को संचालन के लिए खोल दिया गया है।
देश में पहली तिमाही के पहले दो माह (अप्रैल-मई) में संपूर्ण लॉकडाउन के कारण इसका असर जीडीपी पर दिखाई दिया। हालांकि मई के आखिर में जब आर्थिक गतिविधियां शुरू होने लगीं तो अर्थव्यवस्था का पहिया एक बार फिर गति पकड़ने लगा।
अगर विभिन्न रेटिंग एजेंसियों के आंकड़ों के आधार पर गणना करें तो भी उक्त आंकड़े सुधार की ओर संकेत करते हैं। दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी में गिरावट को लेकर मूडीज 10.6 प्रतिशत, केयर रेटिंग 9.9 प्रतिशत, क्रिसिल 12 प्रतिशत, इक्रा 9.5 प्रतिशत का अनुमान लगा चुकी हैं। वहीं आरबीआई ने 8.6 प्रतिशत गिरावट अनुमान का आंकड़ा दिया था।