स्कूल सुरक्षा पर उठे सवाल

स्कूल सुरक्षा पर उठे सवाल

राष्ट्रीय राजधानी से सटे पॉश क्षेत्र गुरुग्राम में रयान इंटरनेशनल स्कूल में प़ढ रहे सात साल के एक नन्हे से बच्चे की उसी स्कूल के एक बस कंडक्टर ने गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी है। इस घटना से क्षेत्र के लोगों में और स्कूल में प़ढ रहे बच्चों के अभिभावकों में आक्रोश है। इस भयानक घटना ने फिर एक बार स्कूलों में प़ढ रहे बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठा दिए हैं। पहले भी कई बार अलग-अलग घटनाओं ने इस अहम विषय पर ध्यान आकर्षित किया है परंतु सात साल की नन्ही सी जान के साथ ऐसी बर्बरता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इस घटना ने देश भर में स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर सरकार और प्रशासन को गंभीरता से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। कई बार देखा गया है कि स्कूल प्रशासन की लापरवाही की वजह से स्कूल लाने ले जाने के लिए स्कूल बसों में बच्चों को सीटों से ज्यादा संख्या में बैठाया जाता है। साथ ही बस ड्राइवरों और कंडक्टरों की जांच प़डताल किए बिना ही कई स्कूल उन्हें नौकरी पर रख लेते हैं। पिछले ही महीने कर्नाटक पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान में कई ऐसे कई ड्राइवरों पर कार्यवाही की गयी थी जो नशे में स्कूल बस चलते पक़डे गए थे। लगभग सभी राज्यों में स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए कई मापद़ंड बनाए गए हैं परंतु इन पर गंभीरता से अमल नहीं किया जाता और साथ ही प्रशासन भी इन मापदंडों की अनदेखी कर रहे स्कूलों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं करता है। ऐसी छोटी लापरवाहियों को अनदेखा करने का ही नतीजा है कि पिछले हफ्ते सात वर्षीया बच्चे को अपनी जान गंवानी प़डी। हमारे बच्चों के लिए अपना घर सबसे सुरक्षित स्थान होता है और स्कूलों में भी ऐसा ही वातावरण होना चाहिए। किसी भी बच्चे को अपने स्कूल में उतनी ही सुरक्षा मिलनी चाहिए जितनी उसे अपने घर पर मिलती है। केवल स्कूलों के प्रशासन और सरकारी तंत्र पर इस विफलता का आरोप नहीं लगाया जा सकता है। अभिभावकों को भी अपने बच्चों की स्कूली गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। स्कूली प्रशासन द्वारा लापरवाही बरतने पर सरकार को क़डी कार्यवाही करनी चाहिएबच्चों की सुरक्षा की ि़जम्मेदारी सबसे ज्यादा स्कूली प्रशासन की होती है और उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को किसी भी तरह का खतरा न हो और इसके लिए उसे अपने स्कूल में काम कर रहे सभी व्यक्तियों का पुलिस सत्यापन करवाना चाहिए। साथ ही पूरे स्कूल के सभी हिस्सों की सीसीटीवी से निरंतर जांच होनी चाहिए। किसी भी अध्यापक या कर्मचारी के खिलाफ किसी भी तरह की छोटी से छोटी शिकायत की पूर्ण जांच होनी चाहिए और इसका ब्यौरा क्षेत्रीय पुलिस थाने में भी जमा किया जाना चाहिए।

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