कुछ देर जरूर लगी, लेकिन देश में 5जी सेवा की शुरुआत हो गई। निश्चित रूप से यह नए युग की दस्तक है, जिसका लाभ देश को अवश्य मिलेगा। अभी इसका विस्तार चुनिंदा शहरों में हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि अगले साल के आखिर तक यह देशभर में उपलब्ध होगी। आज जिस तरह गांव-ढाणियों तक इंटनेट उपभोक्ता हैं, पढ़ाई से लेकर खरीदारी और लेनदेन के लिए इंटरनेट जरूरी हो गया, ऐसे में 5जी सेवा अत्यधिक प्रासंगिक हो गई है।
इसे सिर्फ इंटनेट की रफ्तार में बढ़ोतरी के तौर पर ही नहीं देखना चाहिए। 5जी का मतलब है- आसानी; इससे शिक्षा, चिकित्सा, डिजिटल लेनदेन, मनोरंजन, शॉपिंग समेत कोई क्षेत्र अछूता नहीं रहेगा। जिस तरह पिछले कुछ वर्षों में इंटरनेट की उलब्धता बढ़ी है, जिसका असर अर्थव्यव्यवस्था में देखा जा सकता है। अब 5जी उसे और शक्ति देगी। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। अब जरूरत है कि सरकारें इंटरनेट के उपयोग से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव को लेकर बड़े स्तर पर अभियान शुरू कर दें। खासतौर से ग्रामीणों और किसानों पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। खेती से जुड़ी उपयोगी बातों से लेकर कुटीर और लघु उद्योगों के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। लोगों को ऑनलाइन बाजार उपलब्ध कराया जाए। गांवों के उत्थान के लिए इंटरनेट बहुत बड़ा वरदान साबित हो सकता है।
अगर गांवों को इंटरनेट के जरिए जरूरी सुविधाएं मिलने लगेंगी तो पलायन को काफी हद तक रोका जा सकता है। इससे शहरों का भार कम होगा। साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिलेगा। ई-मेडिसिन एक बहुत बड़ी परियोजना हो सकती है, जिससे लोगों को घर बैठे चिकित्सा परामर्श मिल सकता है। सिर्फ गंभीर रोगियों को ही अस्पताल जाने की जरूरत होगी। जिनके लिए परामर्श और दवाइयां काफी हैं, वे रोगी बहुत लाभान्वित होंगे।
इसी तरह सरकारों को चाहिए कि वे सरकारी दफ्तरों से संबंधित लगभग सभी सेवाओं को ऑनलाइन कर दें और तय समय में जनता का काम हो। 5जी सेवा यहां भी कमाल कर सकती है। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी, बल्कि काम भी जल्दी होंगे, लोगों को कतारों से मुक्ति मिलेगी। निस्संदेह इस सेवा के प्रसार में समय तो लगेगा ही, लागत भी ज्यादा आएगी। स्पेक्ट्रम की नीलामी, कंपनी का लाभ समेत कई पहलुओं को देखना, परखना होगा। इससे लोगों की जेब पर कुछ भार पड़ सकता है, लेकिन इसके फायदे ज्यादा हैं, इसलिए यह सेवा आवश्यक है। सरकार को यह जरूर देखना चाहिए कि कोई भी कंपनी एकाधिकार और वर्चस्व की स्थिति न बना ले।
5जी का एक उद्देश्य व्यवसाय होना चाहिए, लेकिन जनता का लाभ भी अवश्य होना चाहिए। ऐसा न हो कि यह ‘विशेष आयवाले’ वर्ग तक ही सीमित रहे। चाहे अभी कहा जाए कि 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में 5जी सेवा का प्रभाव चार सौ पचास अरब डॉलर तक होगा, लेकिन यह तभी संभव है जब अधिकाधिक युवाओं तक इसकी पहुंच हो। एक अहम मसअला स्मार्ट फोन की कीमत भी है। चूंकि 5जी के लिए उपयुक्त स्मार्ट फोन चाहिए, जिसकी कीमत कई परिवारों का बजट बिगाड़ सकती है।
आज हर कोई चाहता है कि उसके पास स्मार्ट फोन हो, जिसमें 5जी चले, लेकिन ऐसा चाहने मात्र से काम नहीं चलेगा। इसके लिए कीमतें इतनी हों कि आम आदमी उसे आसानी से वहन कर सके। सरकार को इस सेवा के प्रभावों का दूसरा पक्ष भी देखना चाहिए।
यह सच है कि 4जी सेवा का विस्तार होने के बाद कई चीजें बहुत आसान हुई हैं, लेकिन इस दौरान ऑनलाइन ठगी, अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हर दिन ऑनलाइन ठग आम से लेकर खास लोगों तक को चूना लगा रहे हैं। 5जी ऐसे अपराधियों को एक और हथियार दे सकती है, जिसको लेकर सरकार को सावधानी बरतनी होगी। ऑनलाइन लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाना होगा। अपराधियों पर नकेल कसनी होगी।
जनता की मेहनत की कमाई लूटने वालों को कठोर दंड मिलना चाहिए, जिसके अभाव में उन्होंने बेखौफ होकर लूट मचा रखी है। तकनीक का सदुपयोग होना चाहिए, ताकि देश को इसका लाभ मिले, न कि यह अपराधियों, समाज-कंटकों को और दुस्साहसी बनाए।