जब रजनीकांत को भिखारी समझ थमा दिए गए थे दस रुपए

जब रजनीकांत को भिखारी समझ थमा दिए गए थे दस रुपए

चेन्नई। तमिल फिल्मों के साथ ही हिन्दी की कुछ फिल्मों में अपनी शानादार भूमिका से लोगों के दिलों में स्थान बनाने वाले अभिनेता सुपरस्टार रजनीकांत मंगलवार को ६७ वर्ष के हो गए। एक सफल अभिनेता होने के साथ ही रजनीकांत एक काफी विनम्र और अच्छे इंसान भी हैं और सामाजिक सरोकारों से जु़डे रहते हैं। आज उनके ६७ वें जन्मदिवस पर हम अपने पाठकों को ऐसा वाकया बताना चाहते हैं जिसमें एक मंदिर में पूजा के लिए जा रहे रजनीकांत को एक वृद्ध महिला ने भिखा़री समझ लिया था और उनके हाथों में १० रुपए का एक नोट भीख के तौर पर थमा दिया था। जिस समय ऐसा हुआ उस समय रजनीकांत एक बूढे के वेश में थे और मंदिर की सीढियां चढ रहे थे।यह घटना १० साल पूर्व वर्ष २००७ की है। उस समय रजनीकांत की फिल्म शिवाजी को दर्शकों ने खूब सराहा था और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक ब़डी हिट साबित हुई थी। इस फिल्म की सफलता से उत्साहित होकर रजनीकांत ने एक मंदिर में जाकर भगवान की पूजा अर्चना करने का निर्णय लिया लेकिन एक लोकप्रिय अभिनेता होने के कारण उन्हें इस बात का डर सता रहा था कि यदि वह मंदिर में पूजा करने जाते हैं और उन्हें लोग पहचान जाते हैं तो अनावश्यक ही वहां पर भी़ड लग जाएगी और मंदिर में पूजा करने के लिए आने वाले अन्य श्रद्धालुओं को कठिनाई होगी।इस बात को ध्यान में रखते हुए रजनीकांत ने एक बूढे का वेश बनाकर मंदिर जाने का निर्णय लिया। मेकअप आर्टिस्ट ने काफी खूबसूरती के साथ उन्हें एक बूढे कमजोर आदमी का रुप दिया था। इसके बाद रजनीकांत अपने कुछ साथियों के साथ मंदिर पहुंचे। जब रजनीकांत मंदिर पहुंचे तो उनके बदन पर साधारण फटे कप़डे थे और वह किसी वृद्ध व्यक्ति की तरह ही धीरे-धीरे मंदिर की सीढियां चढ रहे थे। इसी दौरान उनके साथ ही मंदिर की सीढियां चढ रही एक वृद्ध महिला ने उन्हें देखा। उस महिला ने रजनीकांत को बुजुर्ग भिखा़री समझकर उनके हाथों में दस रुपए का नोट रख दिया। रजनीकांत ने भी उस नोट को चुपचाप रख लिया।जब रजनीकांत मंदिर में पहुंचे तो उन्होंने अपने पर्स से सारे नोट निकालकर भगवान को अर्पित कर दिए। यह सब उन्हें १० रुपए की भीख देने वाली महिला देख रही थी जिसके बाद उसने बूढे का वेश बनाए रजनीकांत को पहचान लिया। हालांकि जब तक वह वृद्धा रजनीकांत को पहचान पाती वह मंदिर से बाहर आ चुके थे। अपनी गलती का एहसान होने पर वृद्धा रजनीकांत के पास गई और उनसे माफी मांगी और उन्हें दिया १० रुपया लौटाने के लिए कहा लेकिन रजनीकांत ने उस नोट को अपने लिए आशीर्वाद बताते हुए उसे देने से इंकार कर दिया और उस वृद्धा से अनुरोध किया कि वह हमेशा इसी प्रकार से उन पर प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें।

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