साइना ने फिर उठाया व्यस्त कार्यक्रम का मुद्दा, कहा,

साइना ने फिर उठाया व्यस्त कार्यक्रम का मुद्दा, कहा,

नई दिल्ली। चोटों से उबरने और फिटनेस तथा ट्रेनिंग के लिए समय की जरूरत पर जोर देते हुए भारत की स्टार बैडमिंटन खिला़डी साइना नेहवाल ने बुधवार को एक बार फिर व्यस्त कार्यक्रम का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो हमारे पास टूर्नामेंट तो होंगे लेकिन चैंपियन नहीं होंगे।साइना ने प्रायोजन और पैसे की जरूरत को महत्वपूर्ण बताया लेकिन साथ ही कहा कि खिलाि़डयों की समस्याओं को भी समझा जाना चाहिए।लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना ने यहां इंडिया ओपन २०१८ में पहले दौर का मैच जीतने के बाद कहा, यह खिलाि़डयों के लिए क़डा कैलेंडर है, मुझे लगता है कि इसमें कमी होनी चाहिए। मैं प्रायोजन और पैसे की जरूरत को समझ सकती हूं लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि खिला़डी अच्छा नहीं खेल पाएं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाएं। हमारे पास चैंपियन नहीं होगा, सिर्फ टूर्नामेंट होंगे।उन्होंने कहा, लोगों के लिए यह समझना आसान नहीं है कि हम किस चीज से गुजर रहे हैं। मैं अब बीस साल की नहीं हूं। लंबे समय तक खेलने के लिए मुझे खुद को फिट रखना होगा और आप कैलेंडर देखिये, यह काफी व्यस्त कैलेंडर है। हमें नहीं पता कि कब और कैसे किस टूर्नामेंट में खेलना है और आगे क्या होगा। इसलिए यह समय का खेल है और मुझे समय की जरूरत है। पिछले हफ्ते इंडोनेशिया मास्टर्स के फाइनल में पहुंची साइना ने कहा, यह सब कुछ सिर्फ ट्रेनिंग से नहीं जु़डा है, यह अपने शरीर को समय देना है। यह काफी क़डा खेल है। बाहर से यह आसान लगता है लेकिन टूर्नामेंटों के लिए तरोताजा रहने के लिए मुझे समय की जरूरत है।दुनिया की इस पूर्व नंबर एक खिला़डी ने कहा, मुझे पता है कि लोग चाहते हैं कि मैं खेलूं लेकिन ऐसे खेलने का क्या फायदा कि लोग कहें कि साइना हार गई या साइना खराब फार्म से जूझ रही है। इन सब चीजों का सामना मुझे करना होता है किसी और को नहीं। यह अजीब है लेकिन मुझे बुरा लगता है। मैं कभी कभी रोती भी हूं क्योंकि इसका सामना करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, मैं स्वयं को चुनौती देना चाहती हूं। कभी-कभी मैं बेवकूफाना स्ट्रोक खेलती हूं और मुझे अधिक समझदारी दिखानी होगी। मैं सिर्फ खेलने के लिए नहीं खेलना चाहती। मुझे पता है कि मैं फिट हूं और मैं जीत सकती हूं। एशियाई चैंपियनशिप में साइना नहीं खेलेंगी और उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि वह टीम के लिए नहीं खेलना चाहती बल्कि उनका लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेल हैं और व्यस्त कार्यक्रम के बीच अन्य टूर्नामेंटों के लिए समय निकाल पाना आसान नहीं है।उन्होंने कहा, आपको समझना होगा कि मुझे समय की जरूरत है। ऐसा नहीं है कि मैं भारत के लिए नहीं खेली। मैं सात या आठ बार उबेर कप में खेली और मैं जब भी खेली मैंने अपने सभी मैच जीते। मैंने इस तरह की योजना बनाई है कि टीम स्पर्धा और ब़डी प्रतियोगिताओं में अच्छे नतीजे दूं। इसलिए मैं राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों में खेलने को लेकर उत्सुक हूं। ये दो मेरे लक्ष्य हैं।

About The Author: Dakshin Bharat