लंदन/मुंबई/भाषा। आईसीसी ने कड़ा रवैया अपनाते हुए महेंद्र सिंह धोनी को विश्व कप के दौरान कृपाण चिह्न वाले विकेटकीपिंग दस्ताने पहनने की अनुमति देने से इनकार कर दिया जबकि बीसीसीआई ने दावा किया था कि यह सेना का प्रतीक चिह्न नहीं है।
बीसीसीआई ने इस स्टार खिलाड़ी द्वारा चिह्न को लगाए रखने की अनुमति मांगी थी लेकिन विश्व संचालन संस्था ने नियमों का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया। आईसीसी ने बयान में कहा, आईसीसी ने बीसीसीआई को जवाब दिया है कि एमएस धोनी द्वारा पिछले मैच में विकेटकीपिंग दस्तानों पर लगाए गए ‘लोगो’ को आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2019 में पहनने की अनुमति नहीं जाएगी।
इसमें कहा गया, आईसीसी के नियम किसी व्यक्तिगत संदेश या प्रतीक चिह्न को किसी भी पोशाक या उपकरण पर लगाने की अनुमति नहीं देते। इसके अलावा यह लोगो उस नियम का भी उल्लघंन करता है कि विकेटकीपिंग दस्तानों पर किन—किन चीजों को लगाने की अनुमति दी जाती है।
भारत के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरुआती मैच के दौरान धोनी के दस्तानों पर कृपाण वाला चिह्न बना हुआ था जो कि सेना के प्रतीक चिह्न जैसा लग रहा था। हालांकि विश्व संस्था के नियमों के अनुसार विकेटकीपर के दस्ताने पर केवल एक ही प्रायोजक का ‘लोगो’ लगाने की अनुमति दी जाती है। धोनी के मामले में वह पहले ही अपने दस्तानों पर एसजी का लोगो पहनते हैं।
धोनी प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट के मानद लेफ्टिनेंट हैं और यह चिह्न उनके प्रतीक चिह्न का हिस्सा है। प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद ने कहा था कि यह चिह्न किसी भी नियम का उल्लघंन नहीं है। राय ने कहा, आईसीसी के नियमों के अनुसार खिलाड़ी कोई व्यावसायिक, धार्मिक या सेना का लोगो नहीं लगा सकता है। हम सभी जानते हैं कि इस मामले में व्यावसायिक या धार्मिक जैसा कोई मामला नहीं है।
उन्होंने कहा, और यह अर्द्धसैनिक बलों का चिन्ह भी नहीं है और इसलिए धोनी ने आईसीसी के नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। उनका यह बयान आईसीसी के बीसीसीआई से किए उस अनुरोध के बाद आया है जिसमें विश्व में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था से धोनी को दस्ताने से चिह्न हटाने के लिए कहने को कहा था। इस संदर्भ में उसने नियमों का हवाला दिया जो खिलाड़ियों को राजनीतिक, धार्मिक या जातीय गतिविधियों या किसी उद्देश्य के लिए संदेश का प्रदर्शन करने से रोकते हैं।
सीओए प्रमुख का यह कहना इस पर आधारित था कि अर्द्धसैनिक बल के कृपाण वाले चिह्न में ‘बलिदान’ शब्द लिखा है जबकि धोनी ने जो लोगो लगा रखा उस पर यह शब्द नहीं लिखा है। धोनी को खेल मंत्री किरण रिजिजू का भी समर्थन मिला था जिन्होंने भी बीसीसीआई से इस मामले को निपटाने का अनुरोध किया था।
रिजिजू ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, यह देश की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है, देश के हित का ध्यान रखा जाना चाहिए। मैं बीसीसीआई से महेंद्र सिंह धोनी के संबंध में सही कदम उठाने का अनुरोध करूंगा। कई खिलाड़ियों ने भी पूर्व भारतीय कप्तान का समर्थन किया है जिसमें सुरेश रैना और पहलवान योगेश्वर दत्त शामिल हैं।