मुंबई/दक्षिण भारत। अभिनेता इरफान खान का बुधवार को निधन हो गया। वे 54 साल के थे। उन्हें मंगलवार को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, कोलोन इन्फेक्शन के कारण इरफान खान चिकित्सकों की निगरानी में थे। साल 2018 में अभिनेता ने घोषणा की थी कि उन्हें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है। उन्होंने लंदन में इलाज करवाया था।
इरफान के निधन का समाचार मिलते ही उनके प्रशंसकों और सिने जगत में शोक की लहर दौड़ गई। वे अपने बेहतरीन अभिनय के लिए याद किए जाएंगे। इरफान की आखिरी फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ थी।
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उनकी मौत की खबर ट्विटर पर फिल्म निर्माता शूजीत सरकार ने साझा की थी। उन्होंने लिखा, ‘मेरे प्रिय मित्र इरफ़ान। आप लड़े और लड़े और लड़े। मुझे आप पर हमेशा गर्व रहेगा .. हम फिर से मिलेंगे .. सुतापा और बाबिल के प्रति संवेदना .. आपने भी लड़ाई लड़ी, सुतापा आपने इस लड़ाई में हर संभव मदद की। शांति एवं ओम शांति। इरफान खान को सलाम।’
सात जनवरी, 1967 को राजस्थान के जयपुर में जन्मे इरफान के परिवार का ताल्लुक टोंक से है। उनकी मां शाही परिवार से थीं। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े इरफान ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया और अपने अभिनय के बूते खूब तारीफ पाई। उन्होंने सलाम बॉम्बे, मकबूल, पान सिंह तोमर, द लंच बॉक्स, हैदर, गुंडे, पीकू, तलवार और हिंदी मीडियम में काम कर अभिनय के कीर्तिमान स्थापित किए।
उन्होंने टीवी धारावाहिक चाणक्य, भारत एक खोज, सारा जहां हमारा, चंद्रकांता, बनेगी अपनी बात में भी काम किया था। इसके अलावा वॉरियर, द नेमसेक, स्लमडॉग मिलेनियर, न्यूयॉर्क, द अमेजिंग स्पाइडरमैन, लाइफ ऑफ़ पाई, जुरासिक वर्ल्ड और इन्फर्नो जैसी फिल्मों में काम कर विदेशों में भी शोहरत पाई। बता दें कि इरफान की माता सईदा बेगम का 25 अप्रैल को जयपुर में निधन हो गया।