बनारस। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी सनातन धर्म की अनेक घटनाओं की साक्षी है। यहां अनेक प्राचीन मंदिर हैं जिनका धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से विशेष महत्व है। वैसे तो शिवजी को काशी का सम्राट कहा जाता है और प्रतिदिन उनके मंदिर में हजारों लोग दर्शन करने आते हैं, परंतु काशी के कोतवाल का उल्लेख करना यहां बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वे शिवजी की कृपा से ही काशी के कोतवाल कहलाते हैं।
उनका यहां प्रसिद्ध मंदिर है। यहां बाबा काल भैरव विराजमान हैं। इस मंदिर से जुड़ी विभिन्न कथाओं के अनुसार, काल भैरव शिवजी के वरदान से काशी के कोतवाल बनाए गए। इस मंदिर की महिमा इतनी प्रसिद्ध है कि काशी में जो भी श्रद्धावान व्यक्ति अध्ययन, रोजगार या स्थायी रूप से रहने के लिए आता है, वह काल भैरव के दर्शन जरूर करता है।
मान्यता है कि काशी में रहने के लिए इनसे आशीर्वाद लेना जरूरी समझा जाता है। अगर कोई व्यक्ति इनसे आशीर्वाद नहीं लेता तो उसे काशी में अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। राजा से लेकर रंक तक हर किसी का शीश काल भैरव के सामने झुकता है। इस मंदिर से जुड़ी एक रोचक मान्यता यह है कि बाबा काल भैरव से अपराधी भी खौफ खाते हैं।
माना जाता है कि जो भी मंदिर के सामने किसी किस्म का अपराध करने का दुस्साहस करता है, उसे किसी न किसी रूप में दंड जरूर मिलता है। इसलिए यहां अपराधी कानून से ज्यादा काल भैरव से डरते हैं।
काशी के कई श्रद्धालुओं के पास ऐसी कहानियां हैं, जब किसी व्यक्ति ने इस मान्यता की अनदेखी कर मंदिर के आसपास अपराध किया तो उस पर भयंकर दैवीय विपदा आ पड़ी। श्रद्धालुओं का कहना है कि जो व्यक्ति धर्म, नीति और सदाचार का पालन करता है, काल भैरव के आशीर्वाद से उसके सभी शुभ कार्य निर्विघ्न पूर्ण होते हैं।
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