बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के जयनगर स्थित श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन ट्रस्ट में विराजित साध्वीश्री रिद्धिमाश्रीजी ने भगवान विष्णु व नारद की कथा के माध्यम से बताया कि सत्संग से जीवन की गति व उन्नति दोनों सुधर जाती है।
संत-सत्संग करने से करोड़ों भवों के संचित कर्म नष्ट हो जाते हैं। दुर्गति, सद्गति का रूप ले लेती हैं, दुर्बुद्धि, सद्बुद्धि बन जाती है, किसी भी भव में फंसा हुआ जीव सत्संग के एक शब्द को सुन ले, तो उसका उत्थान हो जाता है।
इसीलिए जीवन में सत्संग जरुर करना चाहिए तथा संतों के सान्निध्य में अवश्य ही जाना चाहिए। सत्संग से जीवन का कल्याण होता है।
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