बतौर उपकप्तान मैदान पर उतरना खास अनुभव होगा : रोहित

बतौर उपकप्तान मैदान पर उतरना खास अनुभव होगा : रोहित

पल्लेकल। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबा़ज रोहित शर्मा ने कहा है कि टीम का उपकप्तान बनाया जाना उनके लिए गर्व की बात है और वह श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में मैदान पर इस भूमिका में उतरने को लेकर बहुत उत्साहित हैं। भारत और श्रीलंका के बीच २० अगस्त से पांच वनडे मैचों की सीरी़ज की शुरुआत होनी है। इससे पूर्व यहां बुधवार को पल्लेकेल क्रिकेट स्टेडियम में रोहित ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं आईपीएल में मुंबई इंडियन्स का कप्तान था लेकिन यहां मैं टीम इंडिया का उपकप्तान हूं और मेरे लिए यह बहुत गर्व और सम्मान की बात है।उन्होंने आईपीएल में कप्तानी के अनुभव को लेकर कहा, मैं एक समय केवल भारतीय टीम के लिए खेलने के बारे में सोचा करता था लेकिन उसका उपकप्तान बनाया जाना मेरे लिए ब़डे सम्मान की बात है। मैं मैदान पर बतौर उपकप्तान उतरने को लेकर बहुत उत्साहित महसूस कर रहा हूं। मुझे यकीन है कि आईपीएल के अनुभव का मुझे फायदा मिलेगा लेकिन यह गेम और आईपीएल बिल्कुल अलग है। अपने १० वर्ष के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सफर को लेकर रोहित ने कहा, मेरा यह १० साल का सफर बहुत ही ते़जी से गु़जर गया और इस दौरान मुझे काफी उतार च़ढाव से गु़जरना प़डा है लेकिन यह अनुभव अच्छा रहा क्योंकि इससे पहले तो मैंने सोचा ही नहीं था कि मैं कभी भारत के लिए खेलूंगा लेकिन मुझे अब अहसास हो रहा है कि क्रिकेट लगातार मुश्किल होता जा रहा है। अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर में खेल की तकनीकियों को सीखने पर बल्लेबा़ज ने कहा, मैंने पिछले कुछ वर्षों में काफी कुछ सीखा है और मैं हमेशा ही मैदान पर जाकर कुछ नया सीखना पसंद करता हूं। शुरूआत में मैं हर तरह के शॉट खेलता था लेकिन मैंने बाद में परिस्थितियों के हिसाब से खेलना सीखा और स्वीप तथा रिवर्स स्वीप शॉट्स तथा स्लॉग ओवरों में अपने खेल में सुधार करना सीखा है। रोहित को चोट के कारण भी काफी समय टीम से बाहर बैठना प़डा है लेकिन इस सत्र में उन्होंने आईपीएल में जोरदार वापसी की और अपनी कप्तानी में मुंबई इंडियन्स को चैंपियन भी बनाया। हालांकि रोहित को टेस्ट सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिल पाया। उन्होंने टेस्ट टीम से बाहर बैठने पर कहा, यह सच है कि किसी को भी बाहर बैठना पसंद नहीं है लेकिन आपको कप्तान और टीम के संयोजन के हिसाब से चलना होता है। उन्होंने कहा, क्रिकेट में ऐसा होता है लेकिन इस समय में मैंने अपने खेल में सुधार करने का प्रयास किया। मेरा पूरा ध्यान इस बात पर लगा हुआ था कि आखिर चीजें कहां गलत हुईं या किस दिशा में हम अपने खेल को बेहतर बना सकते हैं? इस दौरान मैंने कई कोचों से भी बात की क्योंकि वे जानते हैं कि किसी व्यक्तिगत खिला़डी का खेल कैसा है और उसमें कहां सुधार किया जा सकता है। श्रीलंका के खिलाफ वर्ष २०१४ में कोलकाता वनडे मैच में २६४ रन की अपनी वनडे की सर्वश्रेष्ठ पारी खेल चुके रोहित ने आगामी सीरीज में इस कारनामे को दोहराने को लेकर कहा कि उनका ध्यान फिलहाल अच्छा प्रदर्शन करने पर लगा है। रोहित ने कहा, मैं जानता हूं कि मैंने श्रीलंका के खिलाफ अच्छा स्कोर किया है लेकिन वर्ष २०१२ में श्रीलंका के ही खिलाफ मेरा प्रदर्शन काफी खराब भी रहा था और मैं इस बात को भूला नहीं हूं। ऐसे में मेरा ध्यान अपना अच्छा प्रदर्शन करना होगा।मैं एक समय केवल भारतीय टीम के लिए खेलने के बारे में सोचा करता था लेकिन उसका उपकप्तान बनाया जाना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है। मैं मैदान पर बतौर उपकप्तान उतरने को लेकर बहुत उत्साहित महसूस कर रहा हूं।मैंने पिछले कुछ वर्षों में काफी कुछ सीखा है और मैं हमेशा ही मैदान पर जाकर कुछ नया सीखना पसंद करता हूं। शुरूआत में मैं हर तरह के शॉट खेलता था लेकिन मैंने बाद में परिस्थितियों के हिसाब से खेलना सीखा और स्वीप तथा रिवर्स स्वीप शॉट्स तथा स्लॉग ओवरों में अपने खेल में सुधार करना सीखा है।

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