अंशु ने भी दिलाया सोना, तीन को कांस्य

अंशु ने भी दिलाया सोना, तीन को कांस्य

एथेंस। भारत की महिला पहलवानों ने दूसरे दिन भी यहां विश्व कैडेट कुश्ती प्रतियोगिता में अपने जबरदस्त प्रदर्शन का सिलसिला जारी रखा और सोनम के बाद अंशु ने अपने ६० किग्रा व़जन वर्ग में एक और स्वर्ण पदक हासिल किया। सोनम के ५६ किग्रा व़जन वर्ग में स्वर्ण जीतने के एक दिन बाद अंशु ने महिलाओं के ६० किग्रा वर्ग के फाइनल मुकाबले में जापान की नाओमी रूइके को को शुरुआती राउंड में छकाते हुए पहले एक अंक झटका और फिर पूरी तरह हावी होकर २-० से जीत अपने नाम करते हुए भारत की झोली में प्रतियोगिता का दूसरा स्वर्ण पदक डाल दिया। एथेंस के एनो लाइयोसिया ओलंपिक हॉल में चल रही विश्व कैडेट चैंपियनशिप के पाचवें दिन भी भारतीय पहलवानों ने पदक प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण के साथ तीन कांस्य भी हासिल किए। अभी तक प्रतियोगिता में कोई दिन ऐसा नहीं रहा जिसमें भारत ने पदक ना जीता हो। यह पहला मौका है जब भारत ने कैडेट विश्व स्तर पर इतनी ब़डी कामयाबी हासिल की है। अंशु ने पिछले वर्ष जॉर्जिया में हुई कैडेट चैंम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। जबरदस्त फार्म में खेल रही अंशु ने स्वर्ण पदक के सफर में रोमानिया की अमीना रोक्साना केपे़जान को पहले दौर में मात्र ३९ सेकंड में चित किया था। दूसरे मुकाबले में उन्होंने रूसी पहलवान अनास्तासिया पारोखिना को ६-२ से पराजित किया। सेमीफाइनल के अहम मुकाबले में उन्होंने शानदार कुश्ती खेलते हुए हंगरी की एरिका बोंगर को ८-० के ब़डे अंतर से हराकर फाइनल में जगह बनाई। अंशु की स्वर्ण पदक कामयाबी के साथ ही महिला पहलवानों सिमरन, मनीषा और मीनाक्षी ने भारत की झोली में तीन कांस्य पदक डाले। ४० किग्रा व़जन वर्ग में कांस्य पदक के लिए भारत की और से मैट पर उतरीं सिमरन ने भी कमाल का प्रदर्शन किया और अमेरिका की कैटलिन एन वाकर को मात्र तीन मिनट में १०-० के अंतर से चित कर दिया। ४६ किग्रा व़जन में २०१६ की विश्व चैंम्पियन भारत की मनीषा स्वर्ण तो नहीं जीत सकीं लेकिन उन्होंने कांस्य जरूर दिलाया। उन्हें सेमीफाइनल में जापान की रेमिना योशिमोतो से हार का सामना करना प़डा। भारत की पहली कैडेट विश्व चैंपियन की महिला पहलवान मनीषा को भी कांस्य पदक से संतोष करना प़डा। उन्होंने कांस्य पदक के लिए स्पेन की एना मारिया टोरेस रूबियो को संघर्षपूर्ण मुकाबले में ३-२ के अंतर से हराया। ५२ किलो वजन में भारत की मीनाक्षी ने मोल्दोवा की मारियाना ड्रैगुतन को ६-२ से हरा कर कांस्य पदक जीता। हालांकि एक अन्य भारतीय महिला पहलवान करुना अपने ७० किग्रा वजन वर्ग में कांस्य पदक के मुकाबले में पोलैंड की विक्टोरिया चोलु़ज से हार कर पदक से चूक गई। प्रतियोगिता में महिला चैंपियनशिप जापान ९४ अंक, भारत ६९ अंक और रूस ५८ अंकों के साथ क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। भारतीय महिला कुश्ती टीम के असाधारण प्रदर्शन पर भारतीय कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केसरगंज के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों और प्रशिक्षकों को बधाई देते हुए कहा हमनें पहली बार विश्व कैडेट चैंपियनशिप में रूस को पीछे छो़डते हुए ६९ अंको के साथ दूसरी चैंपियनशिप पर कब्जा जमाया है। उन्होंने कहा यह पहला मौका है की विश्व कुश्ती में हमारी दो भारतीय महिला पहलवानों ने जापान के वर्चस्व को तो़डते हुए स्वर्ण पदक जीता है। यह संकेत है की भारत में महिला कुश्ती तेजी से विकसित हो रही। इस उपलब्धि के बाद अन्य भारतीय पहलवानों का भी मनोबल ब़ढेगा। भारतीय पहलवानों के इस प्रदर्शन से २०२० ओलंपिक को लेकर भारत की तैयारी को बल मिलेगा।

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