न्यूयॉर्क। भारत की स्टार टेनिस खिला़डी सानिया मिर्जा इस सत्र में फिर से ब़डे खिताब का सपना पूरा नहीं कर सकीं और वर्ष के आखिरी ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन के महिला युगल सेमीफाइनल में उनकी शिकस्त के साथ टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती का भी पटाक्षेप हो गया। सानिया और चीन की शुआई पेंग की चौथी वरीय जो़डी ने संघर्षपूर्ण जीत के साथ महिला युगल सेमीफाइनल में प्रवेश किया था लेकिन दूसरी सीड स्विटजरलैंड की मार्टिना हिंगिस और यंग जान चान की जो़डी के हाथों ४-६, ४-६ से लगातार सेटों में शिकस्त झेलकर उन्हें अंतिम चार से बाहर हो जाना प़डा। पुरानी जो़डीदार हिंगिस के साथ १६ महीने तक ग्रैंड स्लैम सहित १४ खिताब जीत चुकीं सानिया ने अपनी चीनी जो़डीदार शुआई के साथ मैच में शुरूआती ब़ढत बनाई लेकिन वह स्विस-ताइपे जो़डी के सामने उसका फायदा नहीं उठा सकीं और एक घंटे २६ मिनट में उनकी चुनौती समाप्त हो गई। सानिया-शुआई हाथ आए १० मौकों में से केवल दो बार ही विपक्षी जो़डी की सर्विस ब्रेक कर सकीं। दूसरी ओर हिंगिस-चान ने सात में से चार बार भारतीय-चीनी जो़डी की सर्विस ब्रेक की और फाइनल में प्रवेश किया। उन्होंने मैच में ४४ विनर्स भी झोंगे जबकि सानिया-शुआई ने २२ विनर्स लगाए। फाइनल में अब हिंगिस-चान खिताब के लिए लूसी रादेका और कैटरीना सिनियाकोवा की सातवीं वरीय जो़डी से भिडेंगी। स्टार भारतीय खिला़डी सानिया ने इस वर्ष अपनी जो़डीदारों को भी निरंतर बदला है। उन्होंने बारबोरा स्ट्राइकोवा, यारोस्लावा श्वेडोवा, बेथानी माटेक सैंड्स और फिर शुआई के साथ जो़डी बनाई। सानिया का इस वर्ष एकमात्र खिताब अमेरिकी खिला़डी बेथानी के साथ ब्रिसबेन में रहा है। पूर्व नंबर वन भारतीय खिला़डी पिछले काफी समय से खराब दौर से गु़जर रही हैं जिससे वह रैंकिंग में फिसलकर नौवें नंबर पर आ गई हैं। वह इस वर्ष ऑस्ट्रेलियन ओपन और विंबलडन के तीसरे दौर तक ही पहुंच पाई थीं जबकि फ्रेंच ओपन के पहले ही दौर में बाहर हो गई थीं। सानिया इस वर्ष एक भी मेजर खिताब नहीं जीत सकी हैं और वर्ष के आखिरी ग्रैंड स्लैम में उनकी सेमीफाइनल हार से अब यह उम्मीद समाप्त हो गई है। वहीं सानिया से पूर्व रोहन बोपन्ना, लिएंडर पेस और पूरव राजा के युगल में पहले ही बाहर हो जाने से अब टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गई है।
सानिया की सेमीफाइनल हार से थमी भारतीय चुनौती
सानिया की सेमीफाइनल हार से थमी भारतीय चुनौती