ढाका। एशिया में नंबर एक का अपना दर्जा बनाए रखने की कवायद में भारतीय हॉकी टीम बुधवार से यहां शुरू हो रहे पुरुष एशिया कप हॉकी के पहले मैच में जापान से खेलेगी। एशिया कप भारतीय हॉकी में नए युग का सूत्रपात भी होगा चूंकि रोलेंट ओल्टमेंस की बर्खास्तगी के बाद नए कोच जोर्ड मारिन के मार्गदर्शन में यह पहला टूर्नामेंट होगा। ओल्टमेंस के चार साल के कार्यकाल में भारतीय हॉकी टीम विश्व रैंकिंग में १२वें से छठे स्थान पर पहुंच गई थी।पिछली बार उपविजेता रही भारतीय टीम की कमान मिडफील्डर मनप्रीत सिंह के हाथ में है। भारत को पूल ए में जापान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ रखा गया है। पूल बी में गत चैम्पियन कोरिया, मलेशिया, चीन और ओमान हैं। भारत का इरादा जीत के साथ आगाज करने का होगा। मनप्रीत ने कहा, शुरुआती मैच हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि हमें नर्वस हुए बिना लय हासिल करनी होती है। टीम के हौसले बुलंद है और हम इस चुनौती के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, हम इस टूर्नामेंट में सर्वोच्च रैंकिंग वाली टीम के रूप में उतरेंगे और हमारा लक्ष्य नंबर वन का दर्जा बनाए रखने का होगा। भारत ने इस साल अजलन शाह कप में जापान को ४-३ से हराया था। भारतीय टीम जापान को हलके में लेने की गलती नहीं कर सकती जो समय समय पर जाइंट किलर साबित हुई है। उसने अजलन शाह कप में विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को ३-२ से हराया था।एशिया कप के बाद भारत को दिसंबर में भुवनेश्वर में एफआईएच विश्व हॉकी लीग फाइनल खेलना है। हाल ही में यूरोप दौरे पर युवाओं को मौका देने के बाद अब युवा और अनुभवी खिलाि़डयों की मिली जुली टीम उतारी गई है।गोलकीपर आकाश चिकते और सूरज करकेरा ने टीम में अपनी जगह बरकरार रखी है जबकि डिफेंडर हरमनप्रीत सिंह और सुरेंदर कुमार ने यूरोप दौरे पर आराम दिए जाने के बाद वापसी की है। टूर्नामेंट में पूर्व कप्तान सरदार सिंह, आकाशदीप सिंह, सतबीर सिंह और एस वी सुनील जैसे अनुभवी खिलाि़डयों की भी वापसी हुई है।कोच मारिने ने कहा, एशिया कप नई शुरुआत है। सिर्फ मेरे लिए नहीं बल्कि टीम के लिए भी। हमें इस टूर्नामेंट के जरिए एक दूसरे को आंकने का मौका मिलेगा।
एशियाई हॉकी में नंबर वन बने रहने के इरादे से उतरेगा भारत
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