नई दिल्ली। रियो ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा है कि आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में देश को स्वर्ण दिलाना उनका प्रमुख लक्ष्य है।साक्षी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती प्रतियोगिता में अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए ६२ किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। भारत ने टूर्नामेंट में २९ स्वर्ण के अलावा २४ रजत और छह कांस्य सहित कुल ५९ पदक जीते थे। साक्षी अब अपने इस प्रदर्शन को अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भी जारी रखना चाहती है और इसके लिए वह क़डी ट्रेनिंग ले रही है। साक्षी ने शुक्रवार को यहां प्रो कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल) के तीसरे संस्करण के लिए पहलवानों के फैशन शो कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, मैं आप सभी को यह उम्मीद दिलाती हूं कि अगले साल मैं देश को ज्यादा से ज्यादा स्वर्ण दिलाऊं। इसके लिए मैं क़डी मेहमनत कर रही हूं और दिन में दो-दो बार ट्रेनिंग कर रही हूं। राष्ट्रमंडल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण जीतने के बाद देशवासियों को मुझसे काफी उम्मीदें ब़ढ गई है और इन उम्मीदों पर ख़डा उतरने के लिए इस समय में अपना सबकुछ झोंक रही हूं। एशियाई चैंपियनशिप की रजत विजेता साक्षी ने गत माह इंदौर में हुई २०वीं महिला कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल में पूजा तोमर को एकतरफा अंदाज में १०-० से पीटकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। लेकिन अब वह पीडब्ल्यूएल के तीसरे संस्करण और फिर उसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर रही है। २५ साल की साक्षी ने कहा, लीग में इस बार विश्व चैंपियन, ओलंपिक चैंपियन सहित करीब ३०० पहलवान हिस्से ले रहे हैं, इससे हमें उन लोगों से काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। एक टीम में होने से हमें एक दूसरे की तकनीत और कई अन्य चीजों के बारे में पता है जिसका फायदा हमें अपने खेल में मिलता है।महिला पहलवान ने साथ ही कहा, लीग हमारे लिए एक घर की तरह है जहां सभी पहलवान इकट्ठा होते हैं और हम एक दूसरे से काफी कुछ सीखते हैं। मैं जिंदगी में पहली बार रैंप पर उतरी हूं और डांस की हूं और यह अनुभव मेरे लिए सबसे अहम है। निश्चित रूप से लीग से भारतीय पहलवानों को काफी फायदा हो सकता है क्योंकि लीग शामिल पहलवान सीनियर पहलवानों के अनुभव का फायदा उठा सकता है।साक्षी ने अपनी शादी के बाद की जिंदगी को लेकर कहा, शादी के बाद भी मेरे जीवन में कुछ ज्यादा बदलाव नहीं आया है। सब कुछ पहले जैसा ही है और मैं पहले की तरह ही अपनी ट्रेनिंग पर क़डी मेहनत कर रही हूं। मेरे पति सत्यव्रत और हम दोनों कुश्ती को लेकर आपस में काफी बातचीत करते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं।
खेलों में श्रेष्ठता साबित करना है लक्ष्य : साक्षी
खेलों में श्रेष्ठता साबित करना है लक्ष्य : साक्षी