नई दिल्ली। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौ़ड ने बुधवार को कहा कि अगर सभी एकजुट हो जाएं और देश की खेल संस्कृति को बदलने का बी़डा उठा लें तो भारत से १०० उसेन बोल्ट निकल सकते हैं।राठौ़ड ने बताया कि स्कूल स्तर पर चयन प्रक्रिया में सुधार के लिए सरकार कई तरह के अलग अलग प्रयास कर रही है, जिसमें राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभा खोज अगले साल मई-जून के करीब रखी गई है।उन्होंने कहा, भारत में कौशल के आधार चयन होता इसलिए अन्य देश हमें पछा़ड देते हैं, हम इसे बदलना चाहते हैं। खेल मंत्री ने कहा, जो भी १२ वर्ष की उम्र में पांच फीट ११ इंच का है, उसे वालीबाल या बास्केटबाल टीमों के लिए चुना जाना चाहिए जबकि जिसमें हाथों और आंखों के बीच अच्छा तालमेल नहीं हो लेकिन वह बहुत तेज दौ़डता हो तो उसे १०० मीटर की दौ़ड में रखा जाना चाहिए। वर्ष २००४ ओलंपिक में निशानेबाजी में रजत पदक जीतने वाले राठौ़ड ने कहा, मेरा मानना है कि १.२५ अरब की जनसंख्या वाले देश में १०० उसेन बोल्ट बनाने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान स्कूली बच्चों में खेलों के ब़ढावे पर लगा है जिससे उन्हें क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में भाग लेने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा, हमें पहली बार एक खेल प्रसारक मिला है जो राष्ट्रीय स्कूल खेल स्पर्धाओं का सीधा प्रसारण करेगा। स्कूल स्पर्धाओं में सबसे ज्यादा दर्शक होते हैं लेकिन राष्ट्रीय प्रतियोगिता में आपके पास शून्य दर्शक होते हैं। राठौ़ड ने कहा कि स्रोतों का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है, उन्होंने कहा, साबरमती के बराबर में जमीन का बेकार टुक़डा है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम में बदल दिया गया है। इस तरह की परियोजनायें जमीन का बेहतर इस्तेमाल करने में मदद करती हैं और साथ ही इससे राजस्व भी मिलता है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने एक ऐप का प्रस्ताव दिया है जो खेल संबंधित जानकारी मुहैया कराएगा जिसमें इसे खेलने का तरीका और इसके नियम भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा, कभी कभार हम भारोत्तोलन जैसे खेल के नियम और दिशानिर्देशों से अनभिज्ञ होते हैं। इस ऐप से एक ही जगह सारी चीजें पता चल जाएंगी।
‘भारत से 100 उसेन बोल्ट निकल सकते हैं’
‘भारत से 100 उसेन बोल्ट निकल सकते हैं’