नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस श्रीसंत पर बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति द्वारा आजीवन प्रतिबंध लगाने का आदेश शुक्रवार को निरस्त कर दिया। समिति ने 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में कथित भूमिका के लिए श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति श्रीसंत को दी जाने वाली सजा की अवधि पर तीन महीने के भीतर पुनर्विचार कर सकती है। पीठ ने स्पष्ट किया कि पूर्व क्रिकेटर को सजा देने से पहले उसकी अवधि के बारे में श्रीसंत का पक्ष सुना जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उसके इस आदेश का श्रीसंत के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित आपराधिक मामले की कार्यवाही पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। दिल्ली पुलिस ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में शामिल श्रीसंत समेत सभी आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दे रखी है।
उच्चतम न्यायालय ने श्रीसंत की याचिका पर यह आदेश दिया। श्रीसंत ने इस याचिका में उन पर लगा आजीवन प्रतिबंध बरकरार रखने के केरल उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ ने श्रीसंत पर लगाया गया आजीवन प्रतिबंध हटा दिया था।