नई दिल्ली/भाषा
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अंपायरों के फैसलों की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) को ‘अंपायर्स कॉल’ को हटाने का सुझाव देते हुए शनिवार को कहा कि पगबाधा में जब गेंद विकेट से टकरा रही हो तो बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए।
तेंदुलकर ने ट्वीट किया, ‘‘ गेंद का कितना प्रतिशत हिस्सा विकेट पर लगता है यह मायने नहीं रखता है, अगर डीआरएस में गेंद विकेट पर लग रही हो तो मैदानी आंपयर के फैसले के इतर बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए।’’ वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा के साथ वीडियो चैट के दौरान तेंदुलकर ने कहा, ‘‘ क्रिकेट में तकनीक के इस्तेमाल का यही मकसद है। जैसा कि हम जानते हैं कि तकनीक 100% सही नहीं हो सकती, ना ही इंसान।’’
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले इस पूर्व दिग्गज ने कहा कि अगर गेंद सिर्फ विकेट को छू कर भी निकल रही हो तो गेंदबाज के पक्ष में फैसला होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक मामले में आईसीसी से सहमत नहीं हूं, वह है डीआरएस। खासतौर पर पगबाधा के मामले में। डीआरएस में मैदानी अंपायर का फैसला तभी बदला जा सकता है, जब गेंद का 50 फीसदी हिस्सा स्टंप्स से टकराता दिखे, जो सही नहीं है। गेंदबाज या बल्लेबाज तभी मैदानी अंपायर के फैसले के खिलाफ समीक्षा की मांग करते है जब वे इससे संतुष्ट नहीं होते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में जब मामला तीसरे अंपायर के पास जाता है, तो फिर तकनीक से ही नतीजा तय होना चाहिए। जैसा टेनिस में होता है, गेंद या तो कोर्ट के अंदर है या बाहर इसमें बीच की कोई स्थिति नहीं होती है।’’ भारतीय ऑफ स्पिनर हरजभन सिंह ने तेंदुलकर के विचार का समर्थन किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पाजी मैं आप से शत प्रतिशत सहमत हूं। अगर गेंद स्टंप्स को छूकर भी निकल रही है, तो भी बल्लेबाज को आउट देना चाहिए।’’ हरभजन ने कहा, ‘‘ इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि गेंद का कितना फीसदी हिस्सा विकेट से टकराया। ऐसे में खेल की बेहतरी के लिए कुछ नियमों में बदलाव होना चाहिए, जिसमें से यह एक होना चाहिए।’’