भारत ने ग़रीबी के ख़िलाफ़ जंग में तकनीक को बनाया हथियार: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2021 के बाद से यूनिकॉर्न की संख्या दोगुनी हो गई है


बेंगलूरु/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'बेंगलूरु टेक समिट' में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि भारत को अब लालफीताशाही के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि इसकी पहचान निवेशकों को हर तरह की सुविधा देने वाले देश के रूप में है। भारत ने गरीबी के खिलाफ जंग में तकनीक को हथियार बनाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलूरु प्रौद्योगिकी और वैचारिक नेतृत्व का घर है। यह एक समावेशी शहर है। यह अभिनव शहर भी है। कई सालों से बेंगलूरु भारत के इनोवेशन इंडेक्स में नंबर 1 है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2021 के बाद से यूनिकॉर्न की संख्या दोगुनी हो गई है। अब हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप हैं। हमारे पास 81,000 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं। ऐसी 100 अंतरराष्ट्रीय कंपनियां हैं, जिनके भारत में आर एंड डी केंद्र हैं। यह भारत के प्रतिभा पूल के कारण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने यह भी दिखाया है कि तकनीक को मानवीय स्पर्श कैसे दिया जाता है। भारत में, प्रौद्योगिकी समानता और सशक्तीकरण की एक शक्ति है। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत लगभग 200 मिलियन परिवारों को सुरक्षा कवच प्रदान करती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबी के खिलाफ जंग में भारत तकनीक को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। क्या आपने किसी सरकार के सफल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म चलाने के बारे में सुना है?

यह भारत में हुआ है! हमारे पास जीईएम नामक एक सरकारी ई-मार्केटप्लेस है। यह एक ऐसी जगह है, जहां छोटे व्यवसाय और व्यापारी सरकार की जरूरतों को पूरा करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका निवेश और हमारा नवप्रवर्तन चमत्कार कर सकता है। आपका भरोसा और हमारी तकनीकी प्रतिभा चीज़ों को घटित कर सकती है। मैं आप सभी को हमारे साथ काम करने के लिए आमंत्रित करता हूं, क्योंकि हम दुनिया की समस्याओं को हल करने में अग्रणी हैं।
 

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