मेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक पुलिस को मेंगलूरु धमाका मामले की जांच में एक और कामयाबी मिली है। जानकारी के अनुसार, धमाके का आरोपी मोहम्मद शारिक (24) मैसूरु के जिस मकान में किराए पर रहता था, वहां पुलिस ने बम बनाने की सामग्री बरामद की है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आलोक कुमार ने बताया कि शारिक अंतरराष्ट्रीय (आतंकवादी) संगठनों से ‘प्रभावित’ था।
कुकर में ‘आईईडी’ की कोशिश!
बताया गया कि शारिक शिवमोग्गा जिले का निवासी है। वह कुकर में ‘आईईडी’ बनाने की कोशिश कर रहा था। शनिवार को वह खुद धमाके की चपेट में आने से झुलस गया। अभी वह अस्पताल में भर्ती है।
आलोक कुमार ने बताया कि अभी प्राथमिकता आरोपी को बचाना है, ताकि उससे पूछताछ कर और जानकारी ली जा सके।
उन्होंने बताया कि उक्त मकान से पुलिस को अमोनियम नाइट्रेट, नट, बोल्ट आदि अन्य सामग्री मिली है, जिनका उपयोग बम बनाने में किया जाता है।
आतंकवाद का कृत्य
बता दें कि पुलिस ने इस धमाके को ‘आतंकवाद का कृत्य' बताया है, जिसके पीछे गंभीर नुकसान पहुंचाने का इरादा था। वहीं, पुलिस सूत्रों का कहना है कि शारिक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। पुलिस सात स्थानों पर तलाशी अभियान चला रही है।
शारिक का नाम उस समय भी सामने आया था, जब इस साल 15 अगस्त को शिवमोगा के जिला मुख्यालय शहर में एक सार्वजनिक स्थान पर वीर सावरकर की तस्वीर लगाने को लेकर सांप्रदायिक झड़प हुई थी।
उस मामले में पुलिस ने मोहम्मद जबीहुल्ला उर्फ चारबी, सैयद यासीन और माज़ मुनीर अहमद को गिरफ्तार किया था। हालांकि शारिक फरार हो गया था।
बाद में यासीन और माज़ ने पुलिस को बताया था कि शारिक ने उन्हें ‘बरगलाया’ था। ये लोग इस्लामिक स्टेट बेस स्थापित करने का मंसूबा बना रहे थे। साथ ही 'खिलाफत' कायम करना चाहते थे।
पुलिस के अनुसार, शारिक मेंगलूरु में आपत्तिजनक भित्तिचित्र बनाने भी शामिल रहा है।