नई दिल्ली/दक्षिण भारत। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संविधान दिवस (26 नवंबर) के उपलक्ष्य में देश के संविधान की प्रस्तावना और प्रश्नोत्तरी ऑनलाइन पढ़ने के लिए पोर्टल लॉन्च किए।
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों सहित पूरे देश में संविधान दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय इन समारोहों के लिए नोडल एजेंसी है।
इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में सक्रिय भागीदार के रूप में संसदीय कार्य मंत्रालय ने दो डिजिटल पोर्टलों का नवीनीकरण और अद्यतन किया है; पहला, (https://readpreamble.nic.in/) संविधान की प्रस्तावना अंग्रेजी में और संविधान की 8वीं अनुसूची के तहत उल्लिखित 22 अन्य भाषाओं में पढ़ने के लिए और दूसरा (https://constitutionquiz.nic.in/)'भारत के संविधान पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी' विशेष रूप से संविधान दिवस, 2022 के लिए।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को वर्चुअल रूप से इन अद्यतन पोर्टलों का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को संविधान की प्रस्तावना पढ़नी चाहिए।
इसके लिए भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों, स्कूलों/कॉलेजों/विश्वविद्यालयों/संस्थानों आदि सहित बड़े पैमाने पर लोग पोर्टल (https://readpreamble.nic.in/) पर जा सकते हैं और प्रस्तावना पढ़ सकते हैं और स्व-हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
मंत्री ने आग्रह किया कि इसे सार्वजनिक अभियान बनाने और जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने भारत के संविधान पर एक अन्य पोर्टल ऑनलाइन क्विज (https://constitutionquiz.nic.in/) भी अपडेट किया है।
यह एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी है, जिसमें भारतीय संविधान और उसके लोकतंत्र पर बहुत ही सरल और बुनियादी प्रश्न हैं, जिसमें कोई भी भाग ले सकता है और भागीदारी प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकता है।
प्रश्नोत्तरी का उद्देश्य भारतीय संविधान के आधारभूत मूल्यों/आचारों को लोकप्रिय बनाना है न कि उनके ज्ञान का परीक्षण करना। यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगी, ताकि अधिक से अधिक लोग भाग ले सकें।
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश और पहल पर पहली बार 26 नवंबर, 2015 को संविधान दिवस मनाया गया, जबकि उस साल संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी। मंत्री ने संविधान के निर्माण में डॉ. अंबेडकर के अनूठे योगदान के लिए उन्हें नमन किया।
उन्होंने कहा कि संविधान ने दलितों और अंतिम पंक्ति के लोगों के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संविधान की बुनियादी रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह नागरिकों के बीच बंधुत्व को बढ़ावा देने के अलावा न्याय, समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
इस अवसर पर जोशी ने मीडिया के माध्यम से आम जनता से मौलिक कर्तव्यों के प्रति सक्रिय रूप से प्रतिबद्ध होने का भी आह्वान किया। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि अधिक से अधिक लोग शामिल हों और #SamvidhanDiwas का उपयोग करके और फेसबुक पर @MOPAIndia, ट्विटर पर @mpa_india को टैग करते हुए अपने प्रमाणपत्र साझा करें।