अहमदाबाद/शिमला/भाषा। गुजरात में लगातार सातवीं बार सत्ता में आने की प्रबल संभावनाओं के साथ भारतीय जनता पार्टी इतिहास रचने जा रही है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में वह कांग्रेस से पीछे बनी हुई है।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बृहस्पतिवार को विधानसभा चुनावों की मतणगना हो रही है।
भाजपा के शासन वाले दोनों राज्यों में मतगणना के पहले चार घंटे के बाद शुरुआती रुझान दिखाते हैं कि गुजरात की 182 सीटों में से भाजपा 153 पर आगे है और दो सीटों पर विजय प्राप्त कर चुकी है। भाजपा की कुल वोट प्रतिशत में करीब 54 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। वह 2002 में 127 सीट जीतने के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ सकती है जब नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री बने थे।
इससे पहले 1985 में कांग्रेस ने राज्य में 149 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था, जब माधव सिंह सोलंकी मुख्यमंत्री बने थे।
हिमाचल प्रदेश में शुरुआती रुझान में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर नजर आई, लेकिन अब तक की मतगणना में 68 सीटों में से 39 पर बढ़त के साथ कांग्रेस निर्णायक बहुमत की ओर बढ़ती दिख रही है।
भाजपा एक सीट जीत चुकी है और 25 सीटों पर आगे चल रही है। वह राज्य के करीब चार दशक के इतिहास में एक पार्टी के दोबारा सत्ता में नहीं आने की परंपरा को तोड़ती नहीं दिख रही है। तीन विधानसभा सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे चल रहे हैं, वहीं आप को एक भी सीट पर सफलता मिलने के आसार नहीं हैं।
गुजरात चुनाव में करीब 30 रैलियों को संबोधित करने वाले प्रधानमंत्री मोदी की जनता के बीच स्वीकार्यता का लाभ उठाते हुए भाजपा एक बार फिर सत्ता-विरोधी लहर को पार करने जा रही है। वह 1995 से लेकर अब तक 27 साल लगातार पश्चिमी राज्य की सत्ता में रही है। निवर्तमान विधानसभा में उसके 99 सदस्य हैं और पिछले चुनाव में उसका मत प्रतिशत 49.1 रहा था।
गुजरात में विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक उतार-चढ़ाव के मुद्दों पर भाजपा और मोदी सरकार को घेरने का प्रयास किया, लेकिन सत्तारूढ़ दल की साख को कम नहीं कर पाई।
राज्य में कांग्रेस जहां 20 सीटों पर, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) छह सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव के अपने अच्छे प्रदर्शन के करीब भी नहीं पहुंच सकी है, वहीं गुजरात में यदि आप को उम्मीदों के मुताबिक सफलता मिलती तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए खुद को प्रधानमंत्री मोदी का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। पंजाब में उनकी पार्टी पहले ही सरकार बना चुकी है।
इस बार चुनाव में कांग्रेस का प्रचार अभियान का जिम्मा मुख्यत: स्थानीय नेताओं के कंधों पर रहा और उन्होंने घर-घर जाकर वोट मांगे, वहीं पार्टी नेता राहुल गांधी इस बार भारत जोड़ो यात्रा के चलते चुनाव प्रचार से दूर रहे। 2017 के चुनाव में राहुल ने गुजरात में जमकर पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे थे।
राज्य में आप ने इस बार खुद को दमदार तरीके से उतारकर पहली बार मुकाबले को त्रिकोणीय रूप दे दिया, जिसमें पहले भाजपा और कांग्रेस, दो ही खिलाड़ी होते थे।
चुनाव परिणाम में नजर आ रही अपार सफलता को देखते हुए राजधानी गुजरात में भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जुटने लगे हैं और मिठाई बांट रहे हैं तथा नाच-गा रहे हैं।
गुजरात भाजपा के प्रवक्ता यमल व्यास ने कहा, ‘यह पार्टी के डबल इंजन के विकास एजेंडा की जीत है। इतना बड़ा जनादेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा में जनता के विश्वास को झलकाता है। यह विकास के एजेंडा की जीत है जो पार्टी ने राज्य में किया है।’
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल दूसरी बार घाटलोडिया विधानसभा सीट से जीत की ओर अग्रसर हैं, जहां उन्होंने पांच दौर की मतगणना के बाद अपने निकटतम प्रतिंद्वद्वी पर करीब 20,000 वोट की बढ़त बना ली है।
आप के मुख्यमंत्री पद के दावेदार ईशुदान गढ़वी खंभालिया में कांग्रेस के मौजूदा विधायक विक्रम मदाम से आगे बने हुए हैं और भाजपा के मुलुभाई बेरा तीसरे स्थान पर रह सकते हैं।
कांग्रेस के तेजतर्रार दलित नेता जिग्नेश मेवानी वडगाम में भाजपा के मणिभाई वाघेला से पीछे चल रहे हैं।
पाटीदार नेता और भाजपा उम्मीदवार हार्दिक पटेल का विरमगाम सीट पर आप प्रत्याशी के साथ कड़ा मुकाबला चल रहा है। शुरू में पिछड़ रहे पटेल ने आप के अमर सिंह ठाकोर पर 2,371 मतों की ठीक-ठाक बढ़त बना ली है।
भारतीय ट्राइबल पार्टी के संस्थापक और वरिष्ठ आदिवासी नेता छोटू वसावा झागडिया विधानसभा क्षेत्र में तीन दौर की गणना के बाद पीछे चल रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने विश्वास जताया कि चुनाव परिणाम उनकी पार्टी के पक्ष में होंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने शिमला में संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस 68 में से 40-42 सीट जीतकर सरकार बना सकती है।