कर्नाटक: भाजपा विधायक का सीतारमण से अनुरोध- ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की मार्केटिंग पर लगे प्रतिबंध

भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा

मार्केटिंग रणनीति के तहत कंपनियां लोगों को लुभाने और गेम की लत लगाने के लिए हजारों रुपए का 'वेलकम बोनस' देती हैं

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने युवा मन को जुए के शिकार और भटकाव पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों द्वारा विज्ञापन, मार्केटिंग और टेक्स्टिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया है।

उन्होंने बताया कि देशभर में पुलिस को ऐसी कई रिपोर्टें मिलती हैं, जो ऑनलाइन जुए में लोगों के पैसे गंवाने और उनके जीवन को बर्बाद करने पर प्रकाश डालती हैं। इसके अलावा, कर्जदार लोगों के अपने जीवन को समाप्त करने जैसा कदम उठाने और कर्ज चुकाने में असमर्थ होने की खबरें भी आई हैं।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में राजाजीनगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक के रूप में, मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र के साथ-साथ बेंगलूरु के अन्य हिस्सों के निवासियों के कई मित्रों और उनके माता-पिता से मौखिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उन्हें अपने मोबाइल फोन पर मैसेज और अवांछित मार्केटिंग कॉल आ रहे हैं, जो पैसा लगाकर ऑनलाइन रमी खेलने के लिए लुभाने/बाध्य करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने 8 दिसंबर को लिखे एक पत्र में कहा कि अपनी मार्केटिंग रणनीति के तहत कंपनियां लोगों को लुभाने और गेम की लत लगाने के लिए हजारों रुपए का 'वेलकम बोनस' देती हैं।

कुछ लोगों ने उन्हें यह भी बताया कि इन नंबरों को ब्लॉक करने से कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि ये संदेश और कॉल नए नंबरों से आते हैं। ऑनलाइन जुआ, शराब और सिगरेट की तरह है।

उन्होंने कहा कि कानून के तहत शराब और सिगरेट की खपत की अनुमति है, उनके निर्माताओं को उनके विज्ञापन और विपणन से स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया गया है, और यहां तक कि हमारी जीएसटी व्यवस्था भी उन्हें अयोग्य सामान मानती है। सरकार लोगों को इनका सेवन करने से हतोत्साहित करने के लिए भारी कर लगाती है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकारों के पास भी अलग से फंड होता है और लोगों को सिगरेट और शराब पीने से हतोत्साहित करने के लिए अभियान चलाती रही हैं। कुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी शैक्षणिक संस्थानों के पास तंबाकू या सिगरेट की बिक्री रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा, मेरा दृढ़ मत है कि पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेम पर समान नियम लागू होने चाहिएं। मुझे पता है कि अदालतों ने कौशल के ऑनलाइन गेम की कानूनी वैधता को बरकरार रखा है, लेकिन ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों द्वारा विज्ञापन/मार्केटिंग/टेक्स्टिंग पर रोक लगाने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है।

उन्होंने कहा कि एक बार इसकी चपेट में आने के बाद कई लोग आदी हो जाते हैं और इसके जाल से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। धन की अत्यधिक आवश्यकता उन्हें अपराध करने के लिए भी प्रेरित कर सकती है।

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