गुजरात विजय के बाद अब भाजपा के लिए 'मिशन कर्नाटक'

पार्टी नेताओं को उम्मीद- यहां भी चलेगा मोदी के शब्दों का जादू

यह कोशिश की जा रही है कि कर्नाटक में मोदी के दौरे ज्यादा हों

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। गुजरात में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा का ध्यान अब 2023 में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर है। पार्टी चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ उसने गुजरात में जो कामयाबी हासिल की, वही कर्नाटक में भी दोहराई जाए। इसके लिए जनवरी और फरवरी में तीन से चार बार मोदी के दौरे की योजना बनाई जा रही है।

बता दें कि केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की है कि मोदी जनवरी के पहले सप्ताह में आईआईटी-धारवाड़ का उद्घाटन करेंगे। आईआईटी-धारवाड़ इस लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में जाना जाता है।

इसके अलावा भाजपा की नजर किसानों के मुद्दों पर है, जिसके मद्देनजर उत्तर और कल्याण कर्नाटक क्षेत्रों के मतदाताओं से अपील के लिए बेलगावी में विशाल किसान सम्मेलन के वास्ते भाजपा नेता प्रधानमंत्री को न्योता भेजने की तैयारी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि मोदी की अपील का किसानों में खासा असर होगा। इसके अलावा, मोदी फरवरी में बेंगलूरु में होने वाले चर्चित एयरशो का उद्घाटन करेंगे।

सूत्रों के अनुसार, अभी रोड शो की योजना नहीं बनाई गई है, जिस तरह गुजरात में लंबे रोड शो काफी चर्चा में रहे थे। बस यह कोशिश की जा रही है कि कर्नाटक में मोदी के दौरे ज्यादा हों।

बता दें कि कर्नाटक में भाजपा को उन संगठनों से भी चुनौती मिल रही है, जो उसके समर्थक माने जाते हैं। श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक एलान कर चुके हैं कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में इस पार्टी की हार सुनिश्चित करेंगे।

दूसरी ओर, हिंदू महासभा ने भी भाजपा से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि यह पार्टी केवल सत्ता पर कब्जा करने के अपने मकसद के साथ हिंदुत्व की जुबानी सेवा कर रही है। भाजपा के लिए इन संगठनों की नाराजगी इसलिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकती है, क्योंकि श्रीराम सेना और हिंदू महासभा की ओर से तटीय और उत्तर कर्नाटक क्षेत्र में उसे समर्थन मिलता रहा है।

अगर ये संगठन चुनाव के दौरान भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं तो उसे कड़ी चुनौती मिल सकती है। तटीय इलाके, जो भाजपा का गढ़ माने जाते हैं, वहां जनाधार में कमी सीटों पर असर डाल सकती है। प्रमोद मुतालिक की उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र और अन्य जिलों में भी पार्टी कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ है।
 
ऐसी सूरत में भाजपा नेताओं ने आलाकमान से आग्रह किया है कि मोदी की उपस्थिति बढ़ाई जाए, जिससे पार्टी में ऊर्जा का संचार हो। उन्हें उम्मीद है कि स्थानीय हिंदुत्ववादी संगठनों की नाराजगी मोदी के शब्दों से दूर होगी और भाजपा को उनका साथ एक बार फिर सत्ता में लेकर आएगा।

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