'गलवान में भारतीय जवान चीनियों से भिड़ रहे थे, तब चीनी अधिकारियों को कौन रात्रिभोज दे रहा था?'

कांग्रेस पर शाह का पलटवार

शाह ने कहा कि नेहरूजी के प्रेम के कारण सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता बलि चढ़ गई

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष ने अरुणाचल में घटित घटनाओं का हवाला देते हुए बहुमूल्य प्रश्नकाल को स्थगित करवा दिया। यह निंदनीय है। इसका कोई औचित्य नहीं था।

शाह ने कहा कि जब रक्षा मंत्री ने इस विषय पर अपना बयान रखने की बात कर ही दी, तो इसका कोई औचित्य ही नहीं था। मुझे आश्चर्य हुआ, लेकिन जब प्रश्नकाल की सूची देखी तो 5 नंबर का प्रश्न देखकर मैं इनकी चिंता समझ गया।

शाह ने कहा कि प्रश्न है- राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के बारे में। राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-06 और 2006-07 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1 करोड़ 35 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ था, जो एफसीआरए कानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था। इस पर नोटिस देकर पूर्णतया कानूनी प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए गृह मंत्रालय ने इसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया था।

फाउंडेशन ने अपना रजिस्ट्रेशन सामाजिक कार्यों के लिए करवाया था और राशि चीनी दूतावास से मिली। भारत-चीन संबंधों के विकास पर शोध करने के लिए यह पैसा दिया गया।

शाह ने कहा कि कांग्रेस बताए कि इन्होंने शोध तो जरूर किया होगा, क्या उनके शोध में 1962 में भारत की हजारों हेक्टेयर भूमि चीन ने हड़प ली, वो शामिल थी? और शोध किया तो रिपोर्ट क्या आई है?

शाह ने कहा कि नेहरूजी के प्रेम के कारण सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता बलि चढ़ गई। इस विषय को उन्होंने शोध का विषय बनाया था क्या? और अगर बनाया था तो इसका नतीजा क्या हुआ?

शाह ने कहा कि जिस वक्त गलवान में हमारे सेना के वीर जवान चीनियों से भिड़ रहे थे, उस वक्त चीनी दूतावास के अधिकारियों को कौन रात्रिभोज दे रहा था? वो उनके शोध का विषय था क्या? अगर था तो उसका नतीजा क्या हुआ?

शाह ने कहा कि जब उनकी (कांग्रेस) सरकार थी तो 2006 में भारत में चीन के दूतावास ने पूरे अरुणाचल और नेफा पर दावा किया। वह उनके शोध का विषय था क्या? और शोध का नतीजा क्या हुआ?

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