शिलांग/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मेघालय के शिलांग में विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं मेघालय के सभी भाइयों और बहनों को कनेक्टिविटी, शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार योजनाओं के लिए बधाई देता हूं, जो राज्य को समर्पित की जा रही हैं।
यह संयोग है कि जब फुटबॉल विश्व कप का फाइनल हो रहा है तो मैं फुटबॉल के मैदान में फुटबॉल प्रशंसकों को संबोधित कर रहा हूं। एक तरफ दुनिया का सबसे बड़ा फुटबॉल टूर्नामेंट हो रहा है और हम फुटबॉल ग्राउंड से विकास कार्यों की शुरुआत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कतर में फाइनल विदेशों टीमें के बीच है, लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम भारत में फीफा विश्व कप जैसा आयोजन करेंगे और तिरंगे का जयकार करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में उत्तर-पूर्व के विकास से जुड़ी अनेक रुकावटों को हमने रेड कार्ड दिखा दिया है। भ्रष्टाचार, भेदभाव, भाई-भतीजावाद, हिंसा, प्रोजेक्ट्स को लटकाना, भटकाना, वोट बैंक की राजनीति को बाहर करने के लिए हम ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले भी विकास हुआ था, लेकिन अब क्या बदला है? हमारे धैर्य, प्राथमिकताओं और कार्य संस्कृति में जो बदलाव आया है, वह परिणामों में भी बदलाव लाया है। अंतिम लक्ष्य सभी क्षेत्रों के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी और समावेशी विकास प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पोर्ट्स को लेकर केंद्र सरकार आज एक नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रही है। इसका लाभ उत्तर-पूर्व को हुआ है, उत्तर-पूर्व के युवाओं को हुआ है। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी उत्तर-पूर्व में है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नया बुनियादी ढांचा युवाओं के लिए अधिक अवसर लाएगा। आईआईएम और प्रौद्योगिकी पार्कों के उद्घाटन से राज्य के युवाओं के लिए शिक्षा के साथ-साथ आजीविका बढ़ाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं, उनकी उत्तर-पूर्व के लिए डिवाइड सोच थी और हम डिविजन को दूर करने का इरादा लेकर आए हैं। अलग-अलग समुदाय हो या फिर अलग-अलग क्षेत्र, हम हर प्रकार के डिविजन को दूर कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल मुझे परम पावन पोप से मिलने का अवसर मिला और मैंने उन्हें भारत आने का भी निमंत्रण दिया। बैठक उन विषयों पर चर्चा करने का एक अवसर था, जो मानव जाति को खतरे में डाल रहे हैं और हमने तय किया कि एकता और आत्म-सह-अस्तित्व कल्याण ला सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक देश में यह सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा, कनेक्टटिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को फायदा होगा। पहले की सरकार इसी सोच के कारण उत्तर-पूर्व समेट देश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कों, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन, नए एयर स्ट्रिप बनाने का काम तेज़ी से चल रहा है। जो सीमावर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं।