'घाटे' का बदला!

एक ही दिन में पांच धमाके होना बताता है कि इस पड़ोसी देश में आतंकवादी बहुत गहरी जड़ें जमा चुके हैं

आईईडी धमाका कर फौज के 5 कर्मियों को उड़ा देने से रावलपिंडी के होश उड़े हुए हैं

यूं तो पाकिस्तान में बम धमाके और आतंकी घटनाएं होना आम बात है, लेकिन ऐसा लगता है कि इन दिनों वहां आतंकवाद की ज़बर्दस्त लहर आ गई है। जब से जनरल आसिम मुनीर ने थल सेना प्रमुख का पदभार संभाला है, आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ हमले कर पाक को दहला दिया है। टीटीपी की सक्रियता अचानक बढ़ गई है। उसके आतंकवादी इस्लामाबाद, जिसे काफी सुरक्षित माना जाता है, में आकर आत्मघाती हमले कर रहे हैं। 

एक ही दिन में पांच धमाके होना बताता है कि इस पड़ोसी देश में आतंकवादी बहुत गहरी जड़ें जमा चुके हैं और उनके सामने फौज व आईएसआई बेबस हैं। उधर, आईईडी धमाका कर फौज के 5 कर्मियों को उड़ा देने से रावलपिंडी के होश उड़े हुए हैं। बन्नू में आतंकवादरोधी विभाग के दफ्तर पर आतंकवादियों के कब्जे की घटना भी ताजा है। वजीरिस्तान में फौज पर आत्मघाती हमला हुआ है। 

पाक में अब इस बात को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर यह सब किसके इशारे पर हो रहा है! शक की सुई आईएसआई के पूर्व प्रमुख ले. जनरल फ़ैज़ हमीद की ओर जा रही है, जो कि स्वाभाविक है। फ़ैज़ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से 'दोस्ती' निभाने की कोशिश में अपने करियर पर चोट कर दी, वे थल सेना प्रमुख बनते-बनते रह गए थे। अभी वे राजनीति में सक्रिय नहीं हुए हैं, लेकिन इमरान ख़ान को अंदर ही अंदर सहयोग कर रहे हैं। 

फ़ैज़-इमरान की जोड़ी चाहती है कि जनरल मुनीर की राह में मुसीबतें खड़ी की जाएं। चूंकि फ़ैज़ की तालिबानियों के बीच अच्छी पैठ मानी जाती है। जब अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो इमरान ने 'वार्ता' के लिए फ़ैज़ को वहां भेजा था।

इमरान और फ़ैज़ दोनों के लिए मुश्किल दिन चल रहे हैं। इमरान की कुर्सी चली गई और फ़ैज़ थल सेना प्रमुख का ओहदा नहीं पा सके। दोनों की ही पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल बाजवा से तकरार रही है और दोनों का जनरल मुनीर से छत्तीस का आंकड़ा है। ऐसे में अब यह जोड़ी अपने 'घाटे' का बदला लेने के लिए आस्तीनें चढ़ा चुकी है। 

जहां इमरान अपनी फौज को आड़े हाथों ले रहे हैं, वहीं फ़ैज़ तालिबान में अपने गुर्गों के जरिए आतंकवाद को परवान चढ़ा रहे हैं। उनके इशारे पर टीटीपी के आतंकवादी अचानक एकसाथ सक्रिय होकर फ़ौज को निशाना बना रहे हैं, ताकि लोगों में जनरल मुनीर के खिलाफ आक्रोश पैदा हो। इन दिनों इमरान ख़ान के आपत्तिजनक ऑडियो भी खूब वायरल हो रहे हैं, जिन्हें कभी आईएसआई ने रिकॉर्ड किया था। मुनीर चाहते हैं कि इमरान अपना मुंह बंद रखें और अगर राजनीति में रहना चाहते हैं तो फौज की इच्छा के अनुसार चलें। 

पाक फौज इमरान की छवि धूमिल करने के लिए ये ऑडियो वायरल कर रही है, जिसके बाद इस पड़ोसी देश में बड़ा घमासान होना तय है। नए साल की शुरुआत होते ही इमरान पूरी ताकत से फौज पर धावा बोलेंगे। यह उनके अस्तित्व का भी सवाल है, जिसे बचाने के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। 

उधर, इस बात की पूरी संभावना है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, पाक में आतंकवाद की लहर तेज होती जाएगी। यूं भी वहां हर चुनाव में बड़े धमाके होते रहे हैं, लेकिन इस बार जैसी 'बदले की भावना' दिखाई दे रही है, वह पिछले चुनावों में नहीं थी। निश्चित रूप से इसके नतीजे पाकिस्तानियों के लिए सुखद नहीं होंगे। इससे पाक में कट्टरपंथ, आतंकवाद की आग और भड़केगी, जिसके मद्देनजर भारत को अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहना होगा।

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