नई दिल्ली/भाषा। वर्ष 2022 के दौरान ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के जरिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का उत्साह जनता के बीच उच्च स्तर पर रहा, जब देश ने अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष का जश्न मनाया। वहीं, ऐतिहासिक इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट प्रतिमा का अनावरण किया गया।
‘आजादी का अमृत’ महोत्सव ने पूरे साल संस्कृति मंत्रालय को व्यस्त रखा। वहीं, देश ने श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती भी मनाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर में स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
हालांकि, ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ आधिकारिक तौर पर 12 मार्च, 2021 से शुरू हुआ था, लेकिन इसका जश्न 15 अगस्त, 2022 को चरम पर पहुंचा, जब देश ने स्वतंत्रता के 75 साल पूरे किए और कई घर, कार्यालय और सार्वजनिक स्थान तिरंगे के रंग में रंग गए। समारोह 15 अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ आजादी के 75 साल और देश के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। इसके पांच स्तंभ हैं- स्वतंत्रता संग्राम, 75 साल का विचार, 75 साल पर उपलब्धियां, 75 साल पर काम, 75 साल पर संकल्प।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान में 1.36 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें ‘हर घर तिरंगा’, ‘वंदे भारत’ जैसे कई बड़े कार्यक्रम शामिल हैं।
मोदी ने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए लोगों को अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने या प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते 22 जुलाई को ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया था।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के लिए नोडल एजेंसी संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, ‘यह अभियान 23 करोड़ घरों तक पहुंचा और छह करोड़ ‘सेल्फी विद तिरंगा’ को भी डिजिटल रूप से दर्ज किया गया।’
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के बैनर तले आयोजित कार्यक्रमों में देशभक्ति का जोश और उत्सव की भावना अपने चरम पर रही। 26 जनवरी को राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह से लेकर 15 अगस्त को लाल किला पर स्वतंत्रता दिवस समारोह तक जश्न में इस विषय की छाप स्पष्ट दिखी।
इसी साल इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट ऊंची प्रतिमा की स्थापना की गई। यह प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की गई, जहां पहले महाराजा जॉर्ज पंचम की संगमरमर की मूर्ति लगी हुई थी। महाराजा जॉर्ज पंचम की मूर्ति को 1960 के दशक के अंत में इंडिया गेट से हटा दिया गया था।
बोस की प्रतिमा ग्रेनाइट पत्थर से बनाई गई है और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आठ सितंबर को इसका अनावरण किया गया। मोदी ने इसे एक कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से ‘नेताजी’ के लिए एक श्रद्धांजलि बताया।
प्रतिमा की स्थापना और राजपथ (मूल रूप से किंग्सवे के रूप में बना और स्वतंत्रता के बाद नया नाम दिया गया) का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किए जाने की कई लोगों ने आलोचना भी की।
वर्ष 2022 में 14 अप्रैल को मोदी द्वारा ऐतिहासिक तीन मूर्ति भवन स्थित ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ का उद्घाटन भी किया गया। दिसंबर में देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की यात्रा पर आधारित नए संग्रहालय का पहला लाइट-एंड-साउंड शो भी शुरू किया गया।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अगस्त में 150 स्मारकों को तिरंगे के रंग की लाइटों से सजाया।
भारत के तीन नए सांस्कृतिक स्थलों-मोढेरा में सूर्य मंदिर, गुजरात के ऐतिहासिक वडनगर शहर और त्रिपुरा में उनाकोटी की चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में जोड़ा गया। वडनगर मोदी का गृहनगर है।