नई दिल्ली/दक्षिण भारत/भाषा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पुराने मैसूरु क्षेत्र में ‘पंचायत से संसद’ तक के वोक्कालिगा नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश करेगी। पार्टी के नेताओं ने रविवार को यह जानकारी दी।
भाजपा के नेताओं ने बताया कि आगामी चुनाव में भाजपा जमीन पर काम कर रही है और समान विचार वाले लोगों से संपर्क कर रही है।
भाजपा के कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी इस क्षेत्र में रिकॉर्ड सीटों पर जीत दर्ज करेगी, क्योंकि वह कुछ समय से जमीन पर काम कर रही है और बूथ स्तर पर लोगों से संपर्क कर रही है।
पार्टी महासचिव सिंह ने कहा, ‘कर्नाटक सरकार में वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले सात मंत्री हैं। समुदाय का केंद्र में भी प्रतिनिधित्व है। भाजपा में सभी समुदायों के लिए स्थान है। हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ के दर्शन पर विश्वास करते हैं।’
इसी तरह की भावना व्यक्त करते हुए भाजपा के अन्य महासचिव व विधायक सीटी रवि ने कहा कि पार्टी पुराने मैसूरु क्षेत्र में दो तरफा रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हमने पन्ना समिति से लेकर मंडल स्तर पर अपनी टीम को जमीन पर कार्य करने के लिए सक्रिय किया है और पंचायत से लेकर संसद स्तर पर समान विचार वाले वोक्कालिगा नेताओं को दल में आमंत्रित किया है।’
दोनों नेताओं ने कहा कि भाजपा को एक समुदाय आधारित पार्टी के रूप पर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ और ‘विकास की राजनीति’ में विश्वास करती है।
गौरतलब है कि पारंपरिक रूप से भाजपा वोक्कालिगा समुदाय के प्रभुत्व वाले पुराने मैसूरु क्षेत्र में कमजोर मानी जाती है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी इस क्षेत्र की 59 सीटों में से महज नौ सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने शनिवार को पुराने मैसूरु के मांड्या में एक रैली को संबोधित किया था। कर्नाटक की कुल आबादी में वोक्कालिगा की आबादी 15 प्रतिशत है और इसे ‘वोटबैंक’ के लिहाज से लिंगायत के बाद राज्य में दूसरा प्रमुख प्रभावशाली समुदाय माना जाता है। राज्य के मांड्या, मैसूरु, हासन, तुमकुर, चामराजनगर, बेंगलूरु ग्रामीण, कोलार और चिक्कबल्लापुर को वोक्कालिगा समुदाय के प्रभुत्व वाले इलाकों के तौर पर देखा जाता है।