हल्द्वानी मामला: उच्च न्यायालय के निर्देश पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगाई

रेलवे के मुताबिक, 4,365 अतिक्रमणकारी हैं

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने कहा कि यह एक 'मानवीय मुद्दा' है

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोक लगा दी।

शीर्ष न्यायालय ने रेलवे और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी है।

रेलवे के मुताबिक, जमीन पर 4,365 अतिक्रमणकारी हैं।

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने कहा कि यह एक 'मानवीय मुद्दा' है और कुछ व्यावहारिक समाधान खोजने की जरूरत है।

पीठ ने यह भी कहा कि 50,000 लोगों को रातोंरात नहीं उजाड़ा जा सकता है।

शीर्ष न्यायालय ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 7 फरवरी की तारीख तय की है।

बता दें कि उच्च न्यायालय ने पिछले साल 20 दिसंबर को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अतिक्रमण की गई रेलवे भूमि पर निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।

इसमें निर्देश दिया गया था कि अतिक्रमणकारियों को एक सप्ताह का नोटिस दिया जाए, जिसके बाद अतिक्रमणों को तोड़ा जाए।

निवासियों ने अपनी याचिका में कहा कि उच्च न्यायालय ने इस तथ्य से अवगत होने के बावजूद कि याचिकाकर्ताओं सहित निवासियों के संबंध में कार्यवाही जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित है, विवादित आदेश पारित करने में गंभीर गलती की है।

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