नई दिल्ली/भाषा। हिमालय पर्वत की काराकोरम शृंखला में तकरीबन 20 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन पर अब राजस्थान की शिवा चौहान भी देश की हिफाजत में तैनात हैं।
यह पहला मौका है, जब किसी महिला को इतनी सख्त परिस्थितियों वाले सियाचिन इलाके में तैनात किया गया है। वहां हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का आलम यह है कि तापमान शून्य से 40 से 60 डिग्री तक नीचे चला जाता है। वहां कभी बर्फीले तूफान आते हैं तो कभी पहाड़ों पर जमी बर्फ की परतें भरभराकर नीचे आने लगती हैं और ऊंचाई के कारण होने वाली बीमारियां जान जोखिम में डाल देती हैं, लेकिन इन सबसे ऊपर देश की हिफाजत का जज्बा जैसे बाकी हर मुश्किल को आसान कर देता है।
सियाचिन में कुमार पोस्ट पर तैनात शिवा चौहान का जन्म 18 जुलाई, 1997 को राजस्थान के उदयपुर में राजेन्द्र सिंह चौहान और अंजलि चौहान के यहां हुआ। उन्होंने उदयपुर के सेंट एंथोनी सीनियर सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उदयपुर के ही एनजेआर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक स्तर की शिक्षा पूरी की।
शिवा ने बहुत छोटी उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था और उनकी मां ने ही उनकी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा। शिवा के परिवार में उनकी एक बड़ी बहन शुभम चौहान हैं, जो भारतीय न्यायिक सेवा में जाने की तैयारी कर रही हैं।
शिवा को बचपन से ही भारतीय सेना में जाने की ललक थी और इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने सेना में शामिल होने के अपने सपने को पूरा करने की तरफ कदम बढ़ा दिया। 2020 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें मई 2021 में इंजीनियर रेजीमेंट में शामिल किया गया।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि शिवा को एक महीने सियाचिन बैटल स्कूल में कठिन प्रशिक्षण के बाद तीन महीने के लिए 15,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित कुमार पोस्ट पर तैनात किया गया है। इससे पहले तक महिलाओं को सियाचिन आधार शिविर में ही तैनात किया जाता था जो 9,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
सेना ने एक वक्तव्य में कहा, ‘यह भारतीय सेना के लिए गौरवपूर्ण क्षण है, जब कैप्टन शिवा चौहान को दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन में तैनात किया गया है। उन्हें अन्य अधिकारियों के साथ एक महीने की ट्रेनिंग के सफल समापन के बाद यह मौका मिला।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिवा चौहान को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने जहां इसे नारी शक्ति की एक और विजय बताया, वहीं रक्षा मंत्री ने कहा कि वह सशस्त्र सेनाओं में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं के आने से बहुत खुश हैं।
उम्मीद है कि सियाचिन की उजली बर्फ पर चमकते शिवा के कदमों के निशान देश की बहुत-सी लड़कियों को इस रास्ते पर चलने की प्रेरणा देंगे।