बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कोरोना महामारी से उबरने के साथ ही देश में आवासीय संपत्तियों की बिक्री में भी उछाल आया है। पिछले साल बेंगलूरु में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 40 प्रतिशत बढ़कर 53,363 यूनिट हो गई। वहीं चेन्नई में यह आंकड़ा 19 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 14,248 यूनिट को छू गया। हैदराबाद में यह 28 प्रतिशत बढ़कर 31,046 यूनिट तक पहुंच गया।
रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के शीर्ष आठ शहरों के संपत्ति बाजारों पर आधारित अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट का 18वां संस्करण जारी किया है। उसने कहा है कि भारत में कार्यालय क्षेत्र ने भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद मांग में मजबूत सुधार देखा है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के आंकड़े कहते हैं कि मुंबई में साल 2022 में 85,169 यूनिट आवासीय बिक्री हुई, जो पिछले आंकड़े की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में 58,460 यूनिट की बिक्री हुई, जो 67 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है।
यहां भी शानदार प्रदर्शन
पुणे में भी आवासीय बिक्री में 17 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसके बाद यह आंकड़ा 43,410 को छू गया। इस लिहाज से अहमदाबाद में 14,062 के साथ 58 प्रतिशत का उछाल आया है।
लेकिन यहां गिरावट!
हालांकि शीर्ष आठ में कोलकाता एकमात्र शहर था, जहां 12,909 यूनिट के साथ 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
कंपनियां बढ़ा रहीं परिचालन
उक्त रिपोर्ट का आकलन है कि अर्थव्यवस्था में सुधार आने के साथ आवासीय बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर नौ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। साल 2022 के दौरान आठ प्रमुख शहरों में सकल कार्यालय लीजिंग 36 प्रतिशत बढ़ी है।
इसका सीधा-सा अर्थ यह है कि कंपनियां अपना परिचालन बढ़ा रही हैं। चूंकि ग्राहकों की मांग बढ़ रही है तो कामकाज के लिए जगह की मांग में भी इजाफा हो रहा है। ऑफिस स्पेस की मांग की बात करें तो साल 2022 के दौरान 14.5 मिलियन वर्ग फीट के साथ बेंगलूरु अव्वल आया है। इसके बाद एनसीआर ने 8.9 मिलियन वर्ग फीट के साथ दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया है।
इन कारणों से बढ़ी बिक्री
नाइट फ्रैंक इंडिया के सीएमडी शिशिर बैजल ने कहा कि कीमतों और होम लोन पर ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद साल 2022 में आवास की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि घर के स्वामित्व के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव, काम पर वापसी और भर्ती में वृद्धि तथा ई-कॉमर्स के प्रसार आदि कारकों ने आर्थिक स्थिरता द्वारा समर्थित भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र को पिछले साल लाभान्वित किया।
उल्लेखनीय है कि दबाव युक्त वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में आशानुकूल सुधार जारी है। भारत के कोरोनारोधी टीकाकरण अभियान से अर्थव्यवस्था को भी संजीवनी मिली है।