... तो इस वजह से गिरा था नम्मा मेट्रो का पिलर!

प्रोफेसर चंद्र किशन जेएम ने कुछ बदलावों का सुझाव दिया है

सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने 27 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। यहां आउटर रिंग रोड पर निर्माणाधीन मेट्रो पिलर गिरने से महिला और उसके बच्चे की मौत मामले में आईआईएससी बेंगलूरु के सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने 27 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया कि ज्वाइंट के बीच गैप था, जो दुर्घटना का कारण बना।

नुकसान का आकलन करते हुए विभाग के प्रोफेसर चंद्र किशन जेएम ने किसी ठेकेदार या इंजीनियर को दोष नहीं दिया है, लेकिन बीएमआरसीएल द्वारा लंबी संरचनाओं वाली ऐसी परियोजनाओं को लागू करने के लिए कुछ बदलावों का सुझाव दिया है। किशन ने बताया, चूंकि संरचना को 12 मीटर से अधिक लंबा होना था, इसलिए इसे 18 मीटर बनाने के लिए दो छड़ों को जोड़ना पड़ा।

उन्होंने कहा कि मेट्रो का पिलर उससे ऊंचा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पता चला है कि हेब्बल फ्लाईओवर के पास भी इसी तरह की योजना बनाई गई थी और किसी भी घटना की पुनरावृत्ति से बचने के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन करने की ज़रूरत है।

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