कराची/दक्षिण भारत। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बुरी तरह चरमरा गई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) का विदेशी मुद्रा भंडार नौ साल के निचले स्तर 3.678 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, एसबीपी ने कहा कि बाहरी ऋण अदायगी के कारण सप्ताह के दौरान उसकी विदेशी मुद्रा धारिता में 923 मिलियन डॉलर की कमी आई।
तेजी से घटते भंडार के बीच ऋण कार्यक्रम के पुनरुद्धार के लिए पाक सरकार ने व्यावहारिक रूप से आईएमएफ की शर्तों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। यहां तक कि यह राशि तीन सप्ताह के आयात के लिए भी पर्याप्त नहीं है।
बता दें कि 9,000 से अधिक कंटेनर निकासी के लिए भुगतान की प्रतीक्षा में बंदरगाहों पर फंसे हुए हैं। साथ ही, पेट्रोलियम उत्पादों, एलएनजी और सोयाबीन सहित आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले जहाजों को भुगतान का इंतजार है, लेकिन सरकार खाली हाथ है।
अगर पाक सरकार बाजार आधारित डॉलर-रुपया विनिमय समता और उच्च ब्याज दर सहित कई शर्तें पूरी करती है तो एक सप्ताह के भीतर डीजल और पेट्रोल पर 17 फीसदी सामान्य बिक्री कर लगाया जा सकता है, जिससे यहां महंगाई बढ़ेगी।
पाक अर्थव्यवस्था की हालत खराब है, लेकिन यह देश आतंकवाद को परवान चढ़ाने से बाज़ नहीं आ रहा है।