भीलवाड़ा/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजस्थान में भीलवाड़ा जिले के मालासेरी में लोक देवता भगवान देवनारायण के अवतार महोत्सव समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने समाज के हर उपेक्षित एवं वंचित तबके को सशक्त करने का प्रयास किया है और वह ‘वंचितों को वरीयता’ मंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इस पावन अवसर पर भगवान देवनारायण का बुलावा आया और जब बुलावा आया तो मैं भी उपस्थित हो गया। आज कोई प्रधानमंत्री नहीं आया है। आप ही की तरह, पूरे भक्तिभाव से मैं भी एक सामान्य यात्री की तरह यहां आया हूं। भगवान देवनारायण और जनता जनार्दन के दर्शन कर मैं धन्य हो गया हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत केवल एक भू-भाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति और संभावनाओं की एक अभिव्यक्ति है। आज भारत अपने भविष्य की नींव रख रहा है। इसके पीछे जो सबसे बड़ी प्रेरणा है, वो प्रेरणाशक्ति हमारे समाज की शक्ति है, जन-जन की शक्ति है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के हम लोग, हजारों साल पुराने अपने इतिहास, अपनी सभ्यता पर गर्व करते हैं। भारत को भौगोलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन भारत को कोई भी ताकत समाप्त नहीं कर पाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसीलिए भगवान देवनारायण लोकजीवन में परिवार के मुखिया की तरह हैं। उन्होंने हमेशा सेवा और जन कल्याण को सर्वोच्चता दी। देवनारायण भगवान ने समाज में समरसता के भाव को फैलाया, समाज को एकजुट किया, एक आदर्श व्यवस्था कायम करने की दिशा में काम किया। यही कारण है कि समाज के हर वर्ग में उनके प्रति श्रद्धा और आस्था है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश इसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। हम भी 'वंचितों को वरीयता' का मंत्र लेकर चल रहे हैं। इसीलिए आज मुफ्त राशन मिल रहा है, मुफ्त इलाज मिल रहा है, गरीब को घर, टॉयलेट, गैस सिलेंडर को लेकर चिंता रहती थी। उसको भी हम दूर कर रहे हैं। गरीबों के बैंक खाते खुल रहे हैं। भगवान देवनारायण ने जो रास्ता दिखाया, वो सबके साथ से, सबके विकास का है। आज देश इसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी के महत्व को राजस्थान से बेहतर कौन जान सकता है, लेकिन आजादी के अनेक दशक बाद भी देश के केवल 3 करोड़ परिवारों तक ही नल से जल की सुविधा थी। 16 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब 11 करोड़ से अधिक परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचने लगा है। आज पूरे देश में 'गोबर धन' योजना भी चल रही है, जो कि गोबर सहित खेती से निकलने वाले 'कचरे को कंचन' में बदलने का अभियान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा पशुधन हमारी परंपरा और आस्था का ही नहीं, बल्कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी मजबूत हिस्सा है। इसीलिए देश में पहली बार पशुपालकों के लिए भी 'किसान क्रेडिट कार्ड' की सुविधा दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रेरणा स्थली भारत के अनेक गौरवशाली पलों की साक्षी रही है। यहां के महापुरुषों, जननायकों, लोकदेवताओं और समाज सुधारकों ने हमेशा ही देश को रास्ता दिखाया है। राजस्थान धरोहरों की धरती है। यहां सृजन है, उत्साह और उत्सव है, परिश्रम और परोपकार है। शौर्य यहां घर-घर का संस्कार है। रंग और राग राजस्थान के पर्याय हैं। इतना ही महत्व यहां के जन-जन के संघर्ष और संयम का भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान का हमारा गुर्जर समाज शौर्य, पराक्रम और देशभक्ति का पर्याय रहा है। राष्ट्र रक्षा हो या संस्कृति की रक्षा, इस समाज ने हमेशा देश के प्रहरी की भूमिका निभाई है। हमारे गुर्जर समाज की नई पीढ़ी भगवान देवनारायण के संदेशों और शिक्षाओं को आगे बढ़ाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत डंके की चोट पर अपनी बात कह रहा है। भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता को कम कर रहा है। ऐसी हर बात जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है, उस से हमें दूर रहना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत, 'नया भारत' बीते दशकों में हुईं भूलों को सुधार रहा है। भारत के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उनको सामने लाया जा रहा है। पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उमीदों से देख रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम कड़ा परिश्रम करेंगे, सब मिलकर करेंगे और सबके प्रयास से सिद्धि प्राप्त होकर ही रहेगी। मैं समाज का बहुत आभारी हूं कि उसने मुझे एक भक्त की तरह यहां बुलाया। समाज की शक्ति और समाज की भक्ति ने मुझे प्रेरित किया और मैं आज यहां पहुंच गया। जय देव दरबार!
बता दें कि प्रधानमंत्री ने भगवान देवनारायण के 1,111वें अवतरण महोत्सव के अवसर पर उनके मंदिर पहुंचकर सबके कल्याण की कामना की।