इस्तांबुल/दक्षिण भारत/एपी। तुर्की में भूकंप के चलते मची तबाही को लेकर विशेषज्ञों की राय है कि देश में भवन निर्माण संबंधी कमजोर नीतियां और आधुनिक निर्माण नियमों को लागू करने में विफलता भी लोगों की इतने बड़े पैमाने पर मौत का कारण बनी।
उनका कहना है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में उछाल उन क्षेत्रों में आया था, जो भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील थे, लेकिन यहां आधुनिक निर्माण कानूनों की पूरी तरह अनदेखी की गई थी।
भूविज्ञान और इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ लंबे समय से चेतावनी दे रहे थे और इस सप्ताह के विनाशकारी भूकंपों के बाद नीतियों और कानूनों के क्रियान्वयन में ढिलाई की नए सिरे से जांच की जा रही है। इस भूकंप ने हजारों इमारतों को ध्वस्त कर दिया और तुर्की और सीरिया में 20,000 से अधिक लोग मारे गए।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में आपातकालीन योजना के प्रोफेसर डेविड एलेक्जेंडर ने कहा, यह आपदा घटिया निर्माण के कारण हुई है, भूकंप से नहीं।
तुर्की के चैंबर ऑफ आर्किटेक्ट्स के अध्यक्ष आईप मुहकू ने कहा, ‘यह सामान्य ज्ञान है कि इस सप्ताह के दो बड़े भूकंपों से प्रभावित क्षेत्रों में कई इमारतों को घटिया सामग्रियों से बनाया गया था और अक्सर सरकारी मानकों का पालन नहीं किया गया।’
उन्होंने कहा कि इसमें न केवल कई पुरानी इमारतें शामिल हैं, बल्कि हाल के वर्षों में बनाए गए अपार्टमेंट भी शामिल हैं। मुहकू ने कहा, भूकंप की वास्तविकता के बावजूद इस क्षेत्र में इमारत का ढांचा कमजोर था।
विशेषज्ञों ने कहा कि समस्या को बड़े पैमाने पर नजरअंदाज कर दिया गया, क्योंकि इसका समाधान करना महंगा और अलोकप्रिय होता तथा देश के आर्थिक विकास के एक प्रमुख इंजन को रोक देता।
निश्चित रूप से, लगभग 6,500 इमारतों को ध्वस्त करने वाले एक के बाद एक भूकंप के झटके बेहद शक्तिशाली थे। रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता का पहला भूकंप सुबह 4.17 बजे आया, जिससे लोगों के लिए अपनी इमारतों से बचकर निकल पाना और भी मुश्किल हो गया, क्योंकि पृथ्वी बेतरीब हिल रही थी। राष्ट्रपति रेसेप तयैप एर्दोआन ने कमियों को स्वीकार किया है।
लेकिन विशेषज्ञों ने भूकंप को इतना घातक बनाने के बारे में एक कठोर वास्तविकता की ओर इशारा करते हुए कहा कि भले ही तुर्की के पास कागजों में भवन निर्माण संहिता हैं जो वर्तमान भूकंप-इंजीनियरिंग मानकों को पूरा करते हैं, लेकिन ये बहुत कम ही लागू होते हैं।
आपदा के बाद, एर्दोआन के न्याय मंत्री ने कहा कि वे नष्ट इमारतों की जांच करेंगे। बेकिर बोजदाग ने बृहस्पतिवार को कहा, जो लोग लापरवाही बरत रहे हैं, जिन्होंने गलती की और भूकंप के बाद विनाश के लिए जिम्मेदार हैं, उनसे जवाब मांगा जाएगा।
पर्यावरण और शहरीकरण मंत्रालय की रिपोर्ट में उल्लिखित उल्लंघनों के प्रकार व्यापक थे, जिनमें बिना परमिट के बने घर, बिना अनुमति के अतिरिक्त मंजिलें जोड़ने वाली इमारतें या बिना अनुमति के विस्तारित बालकनी, और निम्न-वर्ग के लोगों द्वारा बसाए गए तथाकथित अवैध घरों का अस्तित्व शामिल था।