बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक सरकार ने बेंगलूरु के सैंकी टैंक रोड इलाके में विवादास्पद फ्लाईओवर परियोजना को वापस लेने के संकेत दिए हैं। इसके पीछे बड़ी वजह स्थानीय लोगों का विरोध है। जानकारी के अनुसार, उच्च शिक्षा मंत्री सीएन अश्वत्थ नारायण ने परियोजना को रोके जाने के संकेत दिए हैं। कहा जा रहा है कि सरकार स्थानीय लोगों की इच्छाओं के खिलाफ जाकर परियोजना का आगे नहीं बढ़ाना चाहती।
हाल में स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मुलाकात थी, जिन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया था कि चिंताओं को दूर किया जाएगा।
वहीं, सोशल मीडिया पर अश्वत्थ नारायण के हवाले से यह बयान चर्चा में है कि बेंगलूरु मेट्रोपॉलिटन लैंड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (बीएमएलटीए) के समक्ष प्रस्ताव लाया जाएगा। वहां इसके दोनों पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। फिर परियोजना को वापस लेने की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
हालांकि स्थानीय लोगों को अभी सरकार की ओर से औपचारिक घोषणा का इंतजार है। उनका कहना है कि अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। जब तक कोई आदेश नहीं आ जाता, वे यही मानेंगे कि सरकार परियोजना को आगे बढ़ा रही है।
वहीं, लोग मंत्री के बयान से उत्साहित हैं। उन्हें उम्मीद है कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।
यह भी एक वजह
उल्लेखनीय है कि स्थानीय लोग इस परियोजना का विरोध इसलिए भी कर रहे हैं, क्योंकि भाष्यम सर्किल और मल्लेश्वरम 18वें क्रॉस को जोड़ने वाले फ्लाईओवर के निर्माण के रास्ते में आने वाले कई पुराने पेड़ों को काटा जाएगा।
व्यलीकावल, सदाशिवनगर और मल्लेश्वरम के निवासी, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, पेड़ों को गले लगाकर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। वे मुख्यमंत्री को अपनी भावनाओं से अवगत करा चुके हैं।
नहीं ली गई राय
लोगों की यह भी दलील है कि इस फ्लाईओवर से यातायात का दबाव कम नहीं होगा। यह आरोप लगाया जा रहा है कि परियोजना को मंजूरी देने से पहले स्थानीय लोगों से राय नहीं ली गई।