पाकिस्तान: आतंकवाद की घटनाओं में ज़बरदस्त उछाल, अब एक मेजर और कैप्टन को आईईडी से उड़ाया
बलोचिस्तान के कोहलू इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया था
जनवरी 2018 के बाद से सबसे घातक महीना था
रावलपिंडी/दक्षिण भारत। पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों और धमाकों में फौज के अधिकारियों और जवानों का हताहत होना जारी है। बलोचिस्तान के कोहलू इलाके में आईईडी धमाके से पाकिस्तानी फौज के दो अधिकारी ढेर हो गए। फौज की मीडिया शाखा आईएसपीआर ने इसकी पुष्टि की है। घटना शुक्रवार की बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, बलोचिस्तान के कोहलू इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया था। इस दौरान आईईडी धमाका हो गया। इसमें एक मेजर और एक कैप्टन की मौत हो गई।इससे पहले, जिला स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल (डीएचक्यू) के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि चिकित्सा सुविधाओं के लिए आपात स्थिति लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा कर्मचारियों, डॉक्टरों और पैरामेडिक्स को सतर्क कर दिया गया है।
बलूचिस्तान में यह हमला उन आतंकवादी हमलों की शृंखला में नवीनतम था, जो प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा 2021 में सरकार के साथ संघर्ष विराम को रद्द करने के बाद से तेज हो गए थे।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2018 के बाद से सबसे घातक महीना था, जिसमें देशभर में कम से कम 44 आतंकवादी हमलों में 134 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 254 घायल हुए। यह 139 प्रतिशत का उछाल था।
पिछले हफ्ते ग्वादर जिले के जिवानी इलाके में एक बारूदी सुरंग विस्फोट और उसके बाद हथियारबंद आतंकवादियों के हमले में एक तटरक्षक जवान मारा गया और सात अन्य घायल हो गए थे।
छह फरवरी को क्वेटा में दो आतंकवादी हमलों में सात लोग घायल हो गए थे। पहले हमले में सिविल सचिवालय स्टाफ एसोसिएशन के एक पदाधिकारी सहित पांच लोगों को चोटें आईं। प्रतिबंधित टीटीपी ने बाद में यह कहते हुए जिम्मेदारी ली कि यह आत्मघाती बम धमाका था।
दूसरे हमले में मोटरसाइकिल सवार अज्ञात लोगों ने मनो जान रोड स्थित एक घर पर ग्रेनेड फेंका, जिसमें एक महिला और उसका बच्चा घायल हो गया।