क्या नियमित बादाम खाना मधुमेह के खतरों को दूर रखता है?

पढ़िए, ‘फ्रंटियर्स इन न्यूट्रीशन’ जर्नल में प्रकाशित शोध का नतीजा

चेन्नई स्थित मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष विश्वनाथन मोहन क्या कहते हैं?

नई दिल्ली/भाषा। नियमित रूप से बादाम खाने से अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों में शरीर के वजन और रक्त शर्करा दोनों में सुधार हो सकता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।

‘फ्रंटियर्स इन न्यूट्रीशन’ जर्नल में प्रकाशित शोध में पाया गया है कि 12 सप्ताह तक रोजाना बादाम खाने से इंसुलिन प्रतिरोध कम हो गया, अग्नाशय के कार्य में सुधार हुआ और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिली।

शोधकर्ताओं ने कहा कि जिस समूह के लोगों को बादाम दिए गए थे उनके शरीर के वजन, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और कमर की परिधि में महत्वपूर्ण कमी आई और उनका कुल कोलेस्ट्रॉल भी कम हुआ।

चेन्नई स्थित मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रमुख विश्वनाथन मोहन ने कहा, ‘बादाम खाने वाले उपभोक्ताओं के शरीर के वजन और रक्त शर्करा, दोनों में सुधार हुआ।’

मोहन ने एक बयान में कहा, ‘मोटापा दुनिया भर में देखी जाने वाली एक स्वास्थ्य समस्या है और हम जानते हैं कि मोटापा टाइप 2 मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाता है। हम यह भी जानते हैं कि यह एक जटिल समस्या है, जो मधुमेह से जुड़ी हुई है और हमें लगता है कि हमने एक सरल समाधान की पहचान की है।’

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि बादाम खाने वाले लोगों में कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बेहतर था। दोनों मोटापे और मधुमेह का प्रबंधन करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

यह अध्ययन 25-65 वर्ष की आयु के 400 प्रतिभागियों पर किया गया था, जिनका बॉडी मास इंडेक्स 23 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर (किलोग्राम/एम 2) से अधिक था।

शोधकर्ताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के बीएमआई दिशानिर्देशों का उपयोग किया, जिसमें कहा गया है कि 23 किलोग्राम/एम 2 से अधिक को] अधिक वजन और 25 किलोग्राम/ एम 2 से अधिक वजन मोटापा है।

नोट: यह सिर्फ़ जानकारी साझा करने के लिए है। किसी भी वस्तु/वनस्पति/औषधि के सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

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