10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के रोडमैप को शिक्षा जगत से संरचनात्मक सहयोग की जरूरत: सज्जन जिंदल

आईआईएमए कैंपस में जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी की अत्याधुनिक बिल्डिंग का उद्घाटन

जिंदल ने कहा कि हमारे पास अपने आर्थिक विकास के अगले चरण के लिए भारत की जनसांख्यिकीय पूंजी का लाभ उठाने का अवसर है

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद (आईआईएमए) और जेएसडब्ल्यू समूह ने बुधवार को आईआईएमए के नए कैंपस में जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी बिल्डिंग का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक बहु-सुविधा केंद्र है। 

उद्घाटन समारोह में आईआईएमए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन पंकज आर पटेल, आईआईएमए के डायरेक्टर-इन-चार्ज प्रोफेसर अरिंदम बनर्जी, जेएसडब्ल्यू एसपीपी चेयरपर्सन प्रोफेसर नम्रता चिंदारकर के साथ ही जेएसडब्ल्यू ग्रुप की नेतृत्व टीम उपस्थित थी। इनमें जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल, जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन चेयरपर्सन संगीता जिंदल, जेएसडब्ल्यू सीमेंट एंड पेंट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ जिंदल शामिल रहे। 

उद्घाटन में शिक्षा, उद्योग और सरकार के गणमान्य व्यक्तियों सहित फैकल्टी और आईआईएमए कम्युनिटी के अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया। 

बता दें कि देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के संचालन में सार्वजनिक नीति महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसकी कल्पना करते हुए, आईआईएमए और जेएसडब्ल्यू ग्रुप ने जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी की स्थापना के लिए सहयोग किया। इसका उद्देश्य सार्वजनिक नीति में रिसर्च और टीचिंग को शामिल करना तथा आर्थिक और सतत विकास के लिए भारत के रोडमैप में योगदान करना है। 

आईआईएमए के प्रभारी निदेशक प्रो. अरिंदम बनर्जी ने कहा कि आईआईएमए के पास भारत के नीति निर्माण क्षेत्र में असाधारण योगदान देने की एक मजबूत विरासत है। जेएसडब्ल्यू स्कूल को एक प्रभावशाली थिंक टैंक के रूप में देखा गया था, जो राज्य और देश के लिए इस सार्वजनिक नीति ढांचे के निर्माण में योगदान दे सकता है। जेएसडब्ल्यू समूह के उदार सहयोग से इस स्कूल ने आकार लिया। 

पंकज आर पटेल ने कहा कि व्यवसाय की तरह ही, सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में भी इनोवेशन और डिसरप्शन की आवश्यकता होती है। आईआईएमए को प्रबंधन नेतृत्व तैयार करने के लिए जाना जाता है और यह सार्वजनिक लीडर्स की एक नई पीढ़ी को आकार देकर इस पदचिह्न को बढ़ाना चाहता है। जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ पॉलिसी जेएसडब्ल्यू ग्रुप के सहयोग से इस नजरिए के परिणाम के रूप में अस्तित्व में आई है। जेएसडब्ल्यू एसपीपी का उद्देश्य इस तरह की अत्याधुनिक सोच के लिए नॉलेज हब बनना है। 

सज्जन जिंदल ने कहा कि भारत के 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के रोडमैप को सार्वजनिक क्षेत्र, निजी उद्यम के साथ-साथ शिक्षा जगत से संरचनात्मक सहयोग की जरूरत है। इन तीन समूहों के लिए अर्थव्यवस्था, अनुसंधान और शिक्षा से संबंधित मामलों पर सहयोग करना अनिवार्य है। इस तरह के सहयोग नीतिगत सुधारों के अगले चरण को विकसित करने और भारत के आर्थिक विकास के अगले दशक के लिए कुशलतापूर्वक योजना बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

संगीता जिंदल ने कहा कि हमारे पास अपने आर्थिक विकास के अगले चरण के लिए भारत की जनसांख्यिकीय पूंजी का लाभ उठाने का अवसर है। इसके लिए व्यावसायिक क्षेत्रों, अनुसंधान और सामाजिक विकास में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की मजबूत भागीदारी की आवश्यकता होगी। जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी की स्थापना के लिए आईआईएमए के साथ हमारी साझेदारी विभिन्न नीति डोमेन में अंतःविषय दक्षताओं को एक साथ लाती है। जेएसडब्ल्यू एसपीपी प्रभावशाली अनुसंधान के माध्यम से भारत में सार्वजनिक नीति में योगदान देता है। 

नम्रता चिंदारकर ने कहा, जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी ने सार्वजनिक नीति पर विचार के एक अद्वितीय स्कूल को विकसित करने के लिए एक दृष्टिकोण निर्धारित किया है, जो भारत की जटिल और अक्सर उलझाऊ नीति को समाविष्ट करता है और समझने की कोशिश करता है। इसका उद्देश्य 'नीति मायोपिया' पर काबू पाने में एक भूमिका निभाना है और एक ऐसा मंच बनना है, जो सरकार, उद्योग व शिक्षा को एक साथ नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण लेने के लिए साथ लाता है तथा सीखने एवं प्रसार के उद्देश्य से नीतिगत सफलताओं और विफलताओं, दोनों पर खुले दिमाग से चर्चा करता है। 

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