करोड़ों रुपए के दुरुपयोग मामले में ईडी ने राजेश वीआर को गिरफ्तार किया

'वह बैंक के प्रबंधन की मिलीभगत से निकाले गए फंड का प्रमुख लाभार्थी है'

राजेश वीआर और उसकी पत्नी के खिलाफ अन्य सहकारी बैंकों/समितियों में भी धोखाधड़ी के मामले में कई प्राथमिकी दर्ज हैं

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की जमा राशि के दुरुपयोग के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक नियमिता मामले में राजेश वीआर को गिरफ्तार किया है। वह बैंक के प्रबंधन की मिलीभगत से निकाले गए फंड का प्रमुख लाभार्थी है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए ईडी ने बताया कि आरबीआई की निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, उसने बैंक से 40.40 करोड़ रुपए का लोन लिया और उसे नहीं चुकाया। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि राजेश वीआर और उसकी पत्नी के खिलाफ अन्य सहकारी बैंकों/समितियों में भी सार्वजनिक धोखाधड़ी के मामले में कई प्राथमिकी दर्ज हैं। इसलिए ये आदतन अपराधी हैं।

इससे पहले, बैंक और अन्य के खिलाफ बेंगलूरु पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं और वित्तीय प्रतिष्ठान अधिनियम, 2004 में कर्नाटक के ब्याज जमाकर्ताओं के संरक्षण की धारा 9 के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी द्वारा ईसीआईआर दर्ज की गई थी। 

पीएमएलए के तहत जांच के दौरान यह पता चला है कि उक्त बैंक ने जमाकर्ताओं को उच्च ब्याज दर देने का वादा किया था, जो प्रचलित बाजार दर के अनुरूप नहीं था। बैंक अधिकारियों ने फर्जी लोन अकाउंट बनाए और उनमें पैसा स्थानांतरित कर दिया।

इससे पहले, ईडी ने आरोपियों की 45.32 करोड़ रुपए मूल्य की चल और अचल संपत्ति कुर्क की। इसकी पुष्टि पीएमएलए, नई दिल्ली द्वारा 10 मार्च, 2021 के आदेश द्वारा की गई थी। प्रिंसिपल सिटी सिविल एंड सेशन जज, बेंगलूरु ने तीन दिन की ईडी हिरासत मंजूर कर ली है। मामले की जांच की जा रही है।

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