नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आप ऐसे समय में वैश्विक वित्त और अर्थव्यवस्था के नेतृत्व का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जब दुनिया गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रही है। कोविड महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को सदी में एक बार लगने वाला झटका दिया था।
कई देश, विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाएं अभी भी इसके दुष्परिणामों का सामना कर रही हैं। हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव को भी देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समावेशी एजेंडा बनाकर ही वैश्विक आर्थिक नेतृत्व दुनिया का विश्वास वापस जीत पाएगा। भारतीय उपभोक्ता और निर्माता भविष्य को लेकर आशान्वित और आश्वस्त हैं। हम आशा करते हैं कि आप उसी सकारात्मक भावना को वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रसारित करने में सक्षम होंगे। मैं आग्रह करूंगा कि आपकी चर्चा दुनिया के सबसे कमजोर नागरिकों पर केंद्रित होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्त की दुनिया में प्रौद्योगिकी तेजी से हावी हो रही है। महामारी के दौरान डिजिटल भुगतान ने संपर्क रहित और निर्बाध लेनदेन को सक्षम बनाया। हालांकि, डिजिटल वित्त में हाल के कुछ नवाचारों में अस्थिरता और दुरुपयोग का जोखिम भी है।
मुझे आशा है कि आप यह पता लगाएंगे कि इसके संभावित जोखिमों को नियंत्रित करने के लिए मानक विकसित करते समय तकनीक की शक्ति का उपयोग अच्छे के लिए कैसे किया जा सकता है। भारत का अपना अनुभव एक आदर्श हो सकता है। यह हमारे जी20 मेहमानों को भारत के पथप्रदर्शक डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म यूपीआई का उपयोग करने की अनुमति देता है।
चूंकि आप भारत की तकनीकी राजधानी बेंगलूरु में मिल रहे हैं, आपको प्रत्यक्ष अनुभव होगा कि कैसे भारतीय उपभोक्ताओं ने डिजिटल भुगतान को अपनाया है। वास्तव में, हमारे जी20 अध्यक्षता के दौरान, हमने एक नई प्रणाली बनाई।