बेंगलूरु/दक्षिण भारत। भारत में महिला ड्राइवरों को सशक्त बनाने और विदेशों में रोजगार के अवसर खोजने में उनकी सहायता करने की दिशा में बैटन ट्रांसपोर्ट, हंगरी के सीईओ क्लॉस नॉर्मन हैनसेन ने वेगा ग्रुप के साथ साझेदारी में सीएसआर पहल की घोषणा की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए क्लॉस नॉर्मन हैनसेन ने कहा, महिलाएं वैश्विक स्तर पर ट्रक ड्राइवरों की कुल संख्या का बहुत कम प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करती हैं। हमें ट्रकिंग उद्योग में बढ़ती विविधता के महत्त्व को उजागर करने और महिला ट्रक चालकों के प्रशिक्षण, भर्ती और कौशल पर ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, हमने बैटन ट्रांसपोर्ट में लैंगिक समानता पर संयुक्त राष्ट्र एसडीजी 5 पर ध्यान केंद्रित करना चुना है और भारत हमारे लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। हमारा दृष्टिकोण अवसरों को खोलकर अपने लिए बेहतर जीवन बनाने के लिए महिलाओं को समर्थन देना और सशक्त बनाना भी है।
बन्यई एंड पार्टनर्स कंसल्टिंग के प्रबंध निदेशक तिबोर बन्यई ने कहा कि हंगरी और अन्य यूरोपीय देशों में ड्राइवरों की भर्ती के लिए भारत हमारे लिए एक बड़ा बाजार रहा है। इस नई पहल के जरिए हम और अधिक महिला ड्राइवरों को सशक्त बनाने और उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए तत्पर हैं, ताकि वे विदेशों में अवसरों का पता लगा सकें और बेहतर जीवन यापन कर सकें।
वेगा ग्रुप, भारत के निदेशक पूर्णेश एमएच ने कहा, हम महिला ड्राइवरों को सशक्त बनाने और उनका समर्थन करने और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद करने के लिए बैटन ट्रांसपोर्ट के साथ साझेदारी करके खुश हैं।
उन्होंने कहा, वर्तमान में महिला चालकों का बहुत छोटा समुदाय है, जो टैक्सी, अर्ध-ट्रेलर ट्रक और बसें चलाकर अपना जीवनयापन करती हैं। हम चरणबद्ध तरीके से कर्नाटक की महिला चालकों तक पहुंच बढ़ाएंगे।
हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म काउंसिल की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ऋतु चावला ने कहा, निमंत्रण के लिए धन्यवाद। हमें यह पेश करने के लिए एक मंच दिया कि डब्ल्यूआईसीसीआई भारत में हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए क्या कर रहा है।
आजाद फाउंडेशन और सखा कंसल्टिंग विंग्स की संस्थापक मीनू वडेरा ने कहा, आज हम विनम्रतापूर्वक यह बता रहे हैं कि 'आज़ाद' ने अपने परिवर्तनकारी कौशल-निर्माण वीमेन विद व्हील्स कार्यक्रम के माध्यम से 3,500 से अधिक गरीब महिलाओं को पेशेवर चालक के रूप में सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है।
'टैक्शी' की संस्थापक वंदना सूरी ने कहा, हम 'टैक्शी ब्रेकफ्री' चलाते हैं, जहां महिलाएं महिलाओं को ड्राइव करना सिखाती हैं। हमारा मानना है कि अगर हमारे पास सड़कों पर अधिक महिलाएं हैं, तो हमारा पारिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित है।