नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बजट के बाद ‘युवा शक्ति का दोहन-कौशल और शिक्षा’ पर हुए वेबिनार को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विकसित भारत के विजन को लेकर देश के अमृत यात्रा का नेतृत्व हमारे युवा ही कर रहे हैं, इसलिए अमृतकाल के इस प्रथम बजट में युवाओं को और उनके भविष्य को सबसे ज्यादा अहमियत दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में लर्निंग और स्किलिंग पर फोकस किया गया है। हमारा शिक्षा क्षेत्र वर्षों से कठोरता का शिकार रहा है और हमने युवाओं के दृष्टिकोण और भविष्य की मांगों के आधार पर शिक्षा और कौशल का समन्वय कर इसे बदलने की कोशिश की है।
नई टेक्नोलॉजी नई तरह के क्लासरूम के निर्माण में भी मदद कर रहे हैं। कोविड के दौरान हमने अनुभव भी किया है, इसलिए आज सरकार ऐसे टूल्स पर फोकस कर रही है, जिससे कहीं भी ज्ञान की पहुंच सुनिश्चित हो सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि नई शिक्षा प्रणाली के हिस्से के रूप में कौशल को शामिल करने में शिक्षकों ने हमारा समर्थन किया है और इसने सरकार को हमारे शिक्षा क्षेत्र में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई तकनीक नए जमाने की कक्षाओं के निर्माण में मदद कर रही है। आज भारत में कई डिजिटल और तकनीकी पहल हैं, जो हमारे विश्वविद्यालयों को मजबूत कर रही हैं। इस तरह के भविष्यवादी कदम ज्ञान, कौशल और शोध को बदलने में मदद करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत को दुनिया विनिर्माण हब के रूप में देख रही है। इसलिए आज भारत में निवेश को लेकर दुनिया में उत्साह है। ऐसे में कुशल कार्यबल आज बहुत काम आता है। इस बजट में 'पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना' का भी एलान किया गया है। इससे हमारे पारंपरिक कारीगरों, हस्तशिल्पियों, कलाकारों के स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इंटर्नशिप कल्चर का और अधिक विस्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि अप्रेंटिसशिप से छात्रों को भविष्य के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी। हम इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप के माध्यम से युवाओं को कक्षा के बाहर एक्सपोजर देने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो युवा स्किल इंडिया मिशन के तहत प्रशिक्षित हुए हैं, हम उनका भी अपडेटेड डेटा बेस तैयार करेंगे। क्योंकि कई ऐसे युवा होंगे, जिनके स्किल्स को अपग्रेड करने की जरूरत होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के तहत हम उद्योगों को वित्तीय सहायता प्रदान कर एक इकोसिस्टम बनाने के साथ-साथ स्टाइपेंड भी दे रहे हैं। इस वर्ष के बजट में हमने 50 लाख युवाओं को स्टाइपेंड देने का प्रावधान किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुशल कार्यबल आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है। हमने अपने युवाओं को कौशल प्रदान करने के प्रयासों को जारी रखा है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 में दिव्यांगजन, आदिवासियों और महिलाओं सहित युवाओं को कौशल, पुनर्कौशल और अपस्किल कार्यक्रमों के साथ तैयार किया जाएगा।
पीएम कौशल विकास योजना 4.0 के हिस्से के रूप में, हम एआई, रोबोटिक्स, आईओटी और ड्रोन क्षेत्र में कौशल प्रदान कर रहे हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने वाले इन क्षेत्रों के लिए कुशल जनशक्ति पैदा करने में मदद मिलेगी, क्योंकि उन्हें अपनी आवश्यकताओं के लिए पुनर्कौशल पर खर्च नहीं करना पड़ेगा।
हमारी शिक्षा प्रणाली को तेज गति से बदलने में शिक्षा जगत और उद्योग जगत की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। इससे उद्योगों से प्राप्त धन से बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार अनुसंधान को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।