नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 'अवसंरचना और निवेश' विषय पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष का बजट इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की ग्रोथ को नई ऊर्जा देने वाला है। दुनिया के बड़े-बड़े विशेषज्ञ और कई प्रतिष्ठित मीडिया हाउसेस ने भारत के बजट और उसके रणनीतिक निर्णयों की भूरी-भूरी प्रशंसा की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन के तहत सरकार आने वाले समय में 110 लाख करोड़ रुपए निवेश करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। यह समय प्रत्येक स्टेक होल्डर के लिए नए दायित्व, नई संभावनाओं और साहसपूर्ण निर्णय का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां दशकों तक एक सोच हावी रही कि गरीबी एक मनोभाव है। इसी सोच की वजह से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करने में पहले की सरकारों को दिक्कत होती थी। हमारी सरकार ने इस सोच से देश को बाहर निकाला है और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिकॉर्ड निवेश कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज नेशनल हाईवे का औसत वार्षिक निर्माण साल 2014 की तुलना में दोगुना हो गया है। साल 2014 से पहले हर साल 600 रूट किमी रेल लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन होता था। आज यह लगभग 4,000 रूट किमी तक पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट की संख्या साल 2014 की तुलना में 74 से बढ़कर 150 के आस-पास पहुंच चुकी है। गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान, भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर का, भारत के मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स का कायाकल्प करने जा रहा है। यह आर्थिक और बुनियादी ढांचा योजना, विकास को इंटिग्रेट करने का बहुत बड़ा टूल है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा सामाजिक बुनियादी ढांचा जितना मजबूत होगा, उतने ही टेलेंटेड युवा, कुशल युवा, काम करने के लिए आगे आ पाएंगे। इसलिए कौशल विकास, परियोजना प्रबंधन, वित्तीय कौशल पर जोर दिया जाना बहुत जरूरी है।