नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 'पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान' पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज का यह बजट वेबिनार भारत के करोड़ों लोगों के हुनर और उनके कौशल को समर्पित है। कौशल जैसे क्षेत्र में हम जितना विशिष्ट होंगे, जितनी टारगेटेड एप्रोच होगी, उतने ही बेहतर परिणाम मिलेंगे। पीएम-विश्वकर्मा योजना उसी सोच का नतीजा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कौशल भारत मिशन और कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से पिछले कुछ वर्षों में हमने करोड़ों युवाओं के कौशल को बढ़ाने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद हमारे कारीगरों को सरकार से जो इन्टरवेंशन की आवश्यकता थी, बहुत ही सुगढ़ तरीके से इन्टरवेंशन की आवश्यकता थी, वो नहीं मिल पाई। आज कई लोग अपना पुश्तैनी और पारंपरिक व्यवसाय छोड़ रहे हैं। हम इस वर्ग को ऐसे ही अपने हाल पर नहीं छोड़ सकते।
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान भारत के कारीगरों और शिल्पकारों के लिए रहा है। इसका उद्देश्य उन्हें अपने सामान की क्षमता, दायरा और पहुंच बढ़ाने की अनुमति देना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था के बारे में जानने वाले जानते हैं कि हो सकता है कि वहां रहने वाले किसी परिवार में फैमिली डॉक्टर न हो, लेकिन फैमिली ज्वैलर जरूर हो। हमारे देश में कारीगरों का इतना महत्त्व है। यह योजना उनकी बेहतरी की ओर निर्देशित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे गांवों और शहरों में विभिन कारीगर हैं, जो अपने हाथ के कौशल से औजार का उपयोग करते हुए जीवन यापन करते हैं। पीएम-विश्वकर्मा योजना का फोकस ऐसे ही एक बहुत बड़े और बिखरे हुए समुदाय की तरफ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की दृष्टि गांव के प्रत्येक वर्ग के विकास को समाहित करती है। केवल कृषि नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों और पहलुओं को भी समान रूप से आधुनिक, मजबूत और प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने छोटे दुकानदारों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए पीएम-स्वनिधि योजना बनाई। इसका उन्हें लाभ मिला। पीएम-विश्वकर्मा योजना से करोड़ों लोगों की बड़ी मदद होने जा रही है। हर विश्वकर्मा साथी को आसानी से लोन मिले, उनका कौशल बढ़े, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की समृद्ध परंपरा को संरक्षित तो करना ही करना है, उसका बहुत विकास भी करना है। अब हमें कौशल बुनियादी ढांचा प्रणाली को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार नए सिरे से तैयार करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम विश्वकर्मा फेलो को वैल्यू चेन सिस्टम का हिस्सा बनाकर ही उन्हें मजबूत और सशक्त बना सकते हैं। हमें उन्हें प्रशिक्षित करना चाहिए और उन्हें देश की अर्थव्यवस्था का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिए आवश्यक उपकरण और तकनीक प्रदान करनी चाहिए। हमारा लक्ष्य न केवल स्थानीय बाजार है, बल्कि वैश्विक बाजार भी है। कारीगरों को हम वैल्यू चेन का हिस्सा बनाकर ही मजबूत कर सकते हैं।