राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होली के अवसर पर एक जापानी महिला से कुछ लोगों द्वारा किया गया आपत्तिजनक व्यवहार शर्मनाक है। ऐसे लोगों को कठोर दंड मिलना चाहिए। उन्होंने उस महिला की गरिमा से तो खिलवाड़ किया ही है, देश की छवि को भी धूमिल करने का प्रयास किया है। निस्संदेह होली प्रेम, भाईचारे और सद्भाव का त्योहार है। यह भारतीय संस्कृति की 'अनेकता में एकता' की सुंदर अभिव्यक्ति भी है। अगर कोई व्यक्ति त्योहार के नाम पर अपनी कुत्सित प्रवृत्तियों का प्रदर्शन करे तो यह अक्षम्य है।
उस जापानी पर्यटक ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसे बड़ी संख्या में लोगों ने देखा, जिसमें विदेशी भी थे। वे लोग वीडियो देखकर हमारे देश और समाज के बारे में क्या सोचेंगे? इन दिनों सोशल मीडिया पर्यटन को बढ़ावा देने का सशक्त माध्यम है। विदेश में लोग भारतीय त्योहारों के वीडियो देखकर यहां आने के लिए लालायित रहते हैं। वे चाहते हैं कि कोई एक त्योहार भारत में मनाकर उसकी यादों को संजोएं, लेकिन जब किसी पर्यटक, खासतौर से महिला के साथ ऐसी आपत्तिजनक हरकत होती है तो उससे देश की छवि को बहुत बड़ा नुकसान होता है।
निस्संदेह विदेशी यहां आकर होली खेलते हैं, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि इस 'बहाने' कुछ लोग उनसे अभद्रता करने लग जाएं। वीडियो में देखा गया कि जापानी महिला उन लोगों के 'रंग लगाने' के तरीके से बहुत असहज थी। एक व्यक्ति तो उसके सिर पर अंडा फोड़ देता है। यह होली खेलने का कौनसा तरीका है? होली पर सुंदर रंग लगाए जाते हैं, वह भी शालीनता से। इसमें संबंधित व्यक्ति की सहमति जरूरी है। अमर्यादित व्यवहार को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उक्त जापानी महिला ने अपनी ओर से कोई शिकायत नहीं की थी, लेकिन पुलिस ने स्वत: संज्ञान लिया और एक किशोर सहित तीन लोगों को पकड़ लिया। यह प्रशंसनीय कदम है। पुलिस को सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखते हुए ऐसी घटनाओं पर तुरंत संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि उसके प्रति जनता में भरोसा मजबूत हो। वीडियो पहाड़गंज में बनाया गया था। इस इलाके की विदेशी पर्यटक बहुत प्रशंसा कर चुके हैं। खासतौर से जापान, द. कोरिया, सिंगापुर जैसे देशों से बहुत पर्यटक यहां आते हैं। यहां के ढाबों और रेस्टोरेंट का खाना बहुत पसंद किया जाता है। इससे बहुत लोगों को रोजगार मिलता है।
नागरिकों का कर्त्तव्य है कि वे पर्यटकों को अनुकूल माहौल उपलब्ध कराएं। ऐसा न हो कि पर्यटक यहां आएं तो परेशान हों और खुद को असहज महसूस करने लगें। जब हमारे घर में कोई अतिथि आता है तो हम सब उसकी आवभगत में जुट जाते हैं। हमारी कोशिश होती है कि जब अतिथि अपने घर जाएं तो यहां से अच्छी यादें लेकर जाएं। यही भावना समग्र रूप में होनी चाहिए। जब कोई पर्यटक भारत आए तो यहां हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि उसे अच्छा माहौल उपलब्ध कराएं, ताकि जब वह स्वदेश लौटे तो अच्छी यादें लेकर जाए। उसके द्वारा खुद के देश में की गई भारत की तारीफ अन्य पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
वास्तव में भारत के पास पर्यटन का इतना बड़ा खजाना है कि अगर उसका समुचित प्रचार-प्रसार हो तो पर्यटन में और इजाफा हो सकता है। यूरोप के छोटे-छोटे देश पर्यटन के दम पर हर साल अरबों डॉलर की कमाई कर लेते हैं। वहां की सड़कें, यातायात, सफाई, सत्कार ... सबकुछ इतना बेहतर होता है कि दुनियाभर से लोग वहां जाते हैं।
भारत के पास तो प्राचीन संस्कृति, इतिहास, विशाल भूभाग, मौसम, खान-पान आदि का इतना विविधतापूर्ण खजाना है, जो बेमिसाल है। अगर इसका विवेकपूर्ण और अनुशासनबद्ध ढंग से उपयोग किया जाए तो हर विदेशी पर्यटक जीवन में कम से कम एक बार भारत जरूर आना चाहेगा।