लाहौर/भाषा। भ्रष्टाचार के एक मामले की सुनवाई के लिए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्लामाबाद रवाना होने के बाद 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों ने उनके यहां जमान पार्क स्थित आवास में एक बड़ा अभियान चलाया और उनकी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिसकर्मियों ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख के आवास के प्रवेश द्वार से अवरोधक हटा दिए और उन सभी शिविरों को ढहा दिया, जो पीटीआई कार्यकर्ताओं ने अपने नेता की रक्षा के लिए बनाए थे।
ऐसा बताया जा रहा है कि इस अभियान के दौरान करीब 10 कार्यकर्ता घायल हुए और 30 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
सोशल मीडिया पर उपलब्ध फुटेज में पुलिस खान के आवास में प्रवेश करने के बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं को पीटते नजर आ रही है। खान (70 वर्षीय) का दावा है कि उनके आवास में उनकी पत्नी बुशरा बीबी भी मौजूद हैं।
पंजाब की कार्यवाहक सरकार में सूचना मंत्री आमिर मीर ने संवाददाताओं को बताया कि जमान पार्क इलाके को खाली कराने के लिए पुलिस अभियान शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा, जमान पार्क प्रवेश के लिए खतरनाक क्षेत्र बन गया था। पंजाब पुलिस के 10,000 लोगों ने इसे खाली कराने के अभियान में हिस्सा लिया। हमारे पास यह भी रिपोर्ट थी कि प्रतिबंधित संगठनों के सदस्य भी वहां मौजूद थे।
मंत्री ने बताया कि कई पीटीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। मीर ने बताया कि इस अभियान के दौरान तीन पुलिसकर्मी और छह पीटीआई कार्यकर्ता घायल हो गए।
उन्होंने कहा कि पुलिस के पास इमरान खान के आवास की तलाशी का वारंट था। उन्होंने कहा, आतंकवाद रोधी अदालत ने खान के आवास की तलाशी का वारंट जारी किया था और उसके बाद ही पुलिस उनके घर में दाखिल हुई।
अपदस्थ प्रधानमंत्री ने पुलिस के अभियान की निंदा करते हुए ट्वीट किया, (मेरे तोशाखाना मामले की सुनवाई के लिए इस्लामाबाद रवाना होते ही) पंजाब पुलिस ने जमान पार्क स्थित मेरे आवास में हमला किया, जहां बुशरा बेगम अकेली हैं।
खान उपहार खरीदने को लेकर विवादों में रहे हैं, जिसमें एक महंगी कलाई घड़ी भी शामिल है, जिसे उन्होंने तोशाखाना से रियायती कीमत पर खरीदा और फिर बेचकर लाभ कमाया।
वर्ष 1974 में स्थापित तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है। तोशाखाना में पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य देशों की सरकारों, राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को संगृहीत किया जाता है।
बिक्री का विवरण साझा नहीं करने के कारण पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया था।